क्यों दी जाती हैै दीक्षाक्यों दी जाती हैै दीक्षा
दीक्षित करने के लाखों तरीके हैं। जीवन के हर पहलू का इस्तेमाल किसी व्यक्ति के जीवन को प्रेरित करने के लिए, उसे रूपांतरित करने के लिए किया जा सकता है। बात सिर्फ इतनी है कि कुछ लोगों के साथ यह औपचारिक...
View Articleक्या होता है कलयुग और द्वापर युग मेंक्या होता है कलयुग और द्वापर युग में
मानसिक, दृश्य संबंधी और सूघने की क्षमता के धरातल से निकल कर कल युग में बोध पूरी तरह से इंसानों के जबानी संवाद पर आधारित हो जाता है। और तब उनका मुंह ही सबसे बड़ी चीज हो जाता है। जब सौर मंडल युगों से हो...
View Articleबोधिधर्म की एक बौद्ध कथाबोधिधर्म की एक बौद्ध कथा
आज से करीब 1500 साल पहले चीन में वू नाम का एक राजा था, जो बौद्ध धर्म का महान संरक्षक था। उसका बड़ा मन था कि भारत से कोई बौद्ध शिक्षक चीन आए और बौद्ध धर्म के संदेशों का प्रचार-प्रसार करे। इसके लिए उसने...
View Articleखुदा का इनाम है 'ईद-उल फितर'खुदा का इनाम है 'ईद-उल फितर'
रमजान माह की इबादतों और रोजे के बाद जलवा अफरोज हुआ ईद-उल फितर का त्योहार खुदा का इनाम है, मुसर्रतों का आगाज है, खुशखबरी की महक है, खुशियों का गुलदस्ता है, मुस्कुराहटों का मौसम है, रौनक का जश्न है।...
View Articleक्या किया जाता है श्रुत पंचमी के दिनक्या किया जाता है श्रुत पंचमी के दिन
श्रुत पंचमी जैन धर्म का प्रमुख त्यौहार है। जैन धर्म के अनुसार इस दिन पहली बार जैन धर्म के ग्रंथ को पढ़ा गया था। मान्यतानुसार पुष्पदंत जी महाराज एवं मुनि श्री भूतबली जी महाराज करीब 2000 वर्ष पूर्व...
View Articleजाने बौद्ध धर्म के दार्शनिक मत और मुख्य पुस्तकों के बारे मेंजाने बौद्ध धर्म...
बौद्ध दार्शनिक मत बौद्ध धर्म भारत में शुरु हुए प्रमुख धर्मों में से एक है। महात्मा बुद्ध द्वारा स्थापित इस धर्म की मुख्य विशेषता यह है कि यह लोगों को जीवन जीने के मार्ग दिखाने के साथ उसे अपने मतों...
View Articleगुरु राम दास को जेठा नाम से भी पुकारा जाता थागुरु राम दास को जेठा नाम से भी...
सिख धर्म के चौथे गुरु राम दास जी का जन्म बाबा हरदास मल्ल व माता दया कौर के घर 26 आश्विन कार्तिक वादी 2 संवत 1591 (24 सितंबर 1534) को चूना मंडी लाहौर में हुआ। गुरु राम दास को जेठा नाम से भी पुकारा जाता...
View Articleगुरु अंगद देव जी को गुरु पद की उपाधि प्राप्त हुईगुरु अंगद देव जी को गुरु पद...
सिख समुदाय के द्वितीय सत-गुरु अंगद देव जी का जन्म पाँच बैसाख संवत 1561 (31 मार्च 1504) को गाँव मत्ते की सराय जिला फ़िरोज़पुर में फेरुमल और दया कौर के घर हुआ। अंगद देव जी को लहना (लहीणा) नाम से भी जाना...
View Articleकिचिन को गलत जगह बनने से होती है लड़ाईकिचिन को गलत जगह बनने से होती है लड़ाई
रसोईघर (किचिन), घर का एक महत्वपूर्ण भाग है। यदि मनुष्य अच्छा भोजन करता है तो उसका दिन भी अच्छा गुजरता है। दुनिया के हर धर्म में रसोईघर को बेहद अहम माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अतिरिक्त फेंगशुई में...
View Articleये 7 उपाय हों साथ तो जिंदगी बन सकती है खासये 7 उपाय हों साथ तो जिंदगी बन सकती...
वास्तु जिंदगी पर कैसे प्रभाव डालता है? इस बात को आप आजमा कर ही समझ सकते हैं। भले ही वास्तु के उपाय भले ही छोटे-छोटे होते हैं, लेकिन जिंदगी में ये बहुत कारगर सिद्ध होते हैं। ऐसे ही कुछ वास्तु उपाय...
View Articleमछली घर यानी समृद्धि का पिटारामछली घर यानी समृद्धि का पिटारा
भाग्यशाली बनने के लिए, लक्ष्य की दिशा में कर्म करना होता है, ताकि समृद्ध हो सकें। लेकिन फेंगशुई में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें आजमाकर भाग्यशाली बन सकते हैं। ये उपाय हममें से कई लोग अमूमन करते...
View Articleकुरआ़न के नाजिल होने का वक्तकुरआ़न के नाजिल होने का वक्त
रमजान को सब्र का महीना भी कहा जाता है। और सब्र को जन्नत के बराबर माना जाता है। यह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का महीना है। इस्लामिक कैलेंडर का नवां महीना नेकियों का महीना माना...
View Articleशादी के समय यहाँ नहीं लिए जाते है फेरेशादी के समय यहाँ नहीं लिए जाते है फेरे
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जब किसी का विवाह होता है तो पहले लड़का-लड़की की कुंडली देखी जाती है फिर मुहूर्त और फिर पारंपरिक तरह से शादी। शादी के रीति-रिवाज अलग हों लेकिन अग्नि के सामने सात फेरे...
View Articleकैसे हर व्यक्ति होता है साधुकैसे हर व्यक्ति होता है साधु
हमें वही साधु सच्चे रूप में स्वीकार है, जिसमें साधुत्व भरा हो। आम धारणा यही है कि साधु हो तो वह ब्रह्मचारी हो, कामना रहित हो, जिसका अपनी इंद्रियों पर संपूर्ण नियंत्रण हो, जो किसी के कष्ट का कारण न बने...
View Articleपापों से चाहिए मुक्ति तो कीजिए योगिनी एकादशी व्रतपापों से चाहिए मुक्ति तो...
भगवान श्रीकृष्ण ने एक बार युधिष्ठिर को बताया था कि आषाढ़ कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी का व्रत करने से सारे पापों को नाश होता है और हम सद्कर्मों की ओर बढ़ते हैं। इस एकादशी का व्रत करने से सांसारिकता...
View Articleजन्म सखी सिक्ख धर्म की एक महत्वपूर्ण पुस्तक हैजन्म सखी सिक्ख धर्म की एक...
जन्म सखी यानि जन्म कहानियां, वह लेखन है जो पहले सिख गुरु नानक देव जी की जीवनी के रूप में प्रचलित हैं। यह रचनाएं गुरु नानक जी की मृत्यु के बाद अलग-अलग समय और चरणों पर लिखी गईं। भाई बाले वाली जन्म सखी...
View Articleयीशु ने बताया असली दानी कौन हैयीशु ने बताया असली दानी कौन है
एक दिन प्रभु यीशु एक ऐसे स्थान पर बैठे हुए थे, जहां पास में एक दान पात्र रखा हुआ था। लोग आते और खूब सारे सिक्के डालकर चले जाते। यीशु ने गौर किया हर कोई पात्र में सिक्के डालने के बाद गर्व कर रहा था।...
View Articleसिख धर्म ग्रहस्त जीवन को देता हे बढ़ावासिख धर्म ग्रहस्त जीवन को देता हे बढ़ावा
सिख धर्म के प्रमुख तत्वों में से एक है सामान्य गृहस्थ जीवन को बढ़ावा देना। चूंकि सिख समाज अंधविश्वासों और संत आदि से दूर रहता है इसलिए इस धर्म में संन्यासी जीवन को प्रधानता नहीं दी जाती है। कर्म के साथ...
View Articleइस मंदिर के खम्भे को देखकर आप भी हो जायेंगे चकितइस मंदिर के खम्भे को देखकर आप...
दुनिया में बहुत ही रोचक जगह हैं। ऐसी ही रोचक जगहों में से एक है आंध्रप्रदेश के अनंतपुर में स्थित 'लेपाक्षी मंदिर'। अनंतपुर एक छोटा गांव है। यह गांव विजयनगर शैली से निर्मित कलात्मक मंदिरों के लिए...
View Articleभारत में इसलिए बनाई जाती हैं मूर्तियां और मंदिरभारत में इसलिए बनाई जाती हैं...
भारत में मंदिर और प्रतिमाओं के निर्माण के पीछे विज्ञान रहा है। यह अकारण नहीं है कि हमने मंदिर बनाए और देवताओं की प्रतिमाएं बनाकर उनका पूजना आरंभ कर दिया। इस विज्ञान को जानने वाले इन प्रतिमाओं के...
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