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शादी के समय यहाँ नहीं लिए जाते है फेरेशादी के समय यहाँ नहीं लिए जाते है फेरे

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हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जब किसी का विवाह होता है तो पहले लड़का-लड़की की कुंडली देखी जाती है फिर मुहूर्त और फिर पारंपरिक तरह से शादी। शादी के रीति-रिवाज अलग हों लेकिन अग्नि के सामने सात फेरे लगाने की परंपरा सदियों से रही है।

ठीक इसी तरह जब ईसाई धर्म के लोग विवाह करते हैं तो वह हिंदू धर्म की तरह नहीं होती हैं। ईसाई धर्म में विवाह पूर्व सगाई और वैवाहिक रस्मों में वर-वधू का चारित्रिक प्रमाण पत्र पेश किया जाता है। विवाह होने के तिथि से 3 दिन से पहले चर्च में आवेदन पत्र प्रस्तावित किया जाता है।

इसके बाद चर्च में पादरी प्रस्तावित वेडिंग के बारे में लोगों की राय आमंत्रित करते हैं, यदि किसी को आपत्ति नहीं हो तो वेडिंग की एक तारीख तय की जाती है। वेडिंग की अंगूठी (दूसरी अंगूठी, सगाई की अंगूठी से भिन्न) चर्च में अदला-बदली होती है। दंपत्ति दो गवाहों की उपस्थिति में प्रभु यीशु को साक्षी मानते हुए एक दूसरे को पति-पत्नी स्वीकार करते हैं। वेडिंग रस्म चर्च में पूरी होती है। वेडिंग के बाद अन्य धर्मों की तरह सामूहिक भोज होता है।

वहीं मुस्लिम धर्म विवाह को 'निकाह' कहा जाता है। मुस्लिम धर्म के अनुसार मुस्लिम विवाह एक तरह से सामाजिक समझौता है। लेकिन व्यवहारिक स्तर पर भारत में मुस्लिम विवाह भी धार्मिक है।

भारत में मुस्लिम धर्म के दो समुदाय प्रमुख हैं शिया एवं सुन्नी। ये तीन समूहों में विभाजित हैं। अशरफ (सैयद, शेख, पठान आदि), अजलब (मोमिन, मंसूर, इब्राहिम आदि) और अरजल (हलालखोर) ये सभी समूह अंतर्विवाही माने जाते है तथा इनके बीच बर्हिर्विवाह को प्रोत्साहन नहीं दिया जाता।

मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार मुस्लिम विवाह में चार भागीदारों का होना आवश्यक है जिनमें दूल्हा, दुल्हन, काजी और गवाह (दो पुरूष या चार स्त्री गवाह) जो सामाजिक धार्मिक कानूनी समझौता (निकाह) के साक्षी होते हैं।

दूल्हा तथा दुल्हन को काजी औपचारिक रूप से (एकत्रित स्थानीय समुदाय तथा चुने हुए गवाहों के सामने) पूछता है कि वे इस विवाह के लिए स्वेच्छा से राजी हैं या नहीं। यदि वे इस विवाह के लिए 'स्वेच्छा' से राजी होने की औपचारिक घोषणा करते हैं तो निकाहनामा पर समझौते की प्रक्रिया पूरी की जाती है। निकाहनामे में महर (या मेहर) की रकम शामिल होती है। इसे विवाह के समय या बाद में दूल्हा-दुल्हन को देता है। महर एक प्रकार का स्त्री-धन है।


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