संस्कृत भाषा के रहस्यसंस्कृत भाषा के रहस्य
दुनिया की पहली पुस्तक की भाषा होने के कारण संस्कृत भाषा को विश्व की प्रथम भाषा मानने में कहीं कोई संशय की गुंजाइश नहीं हैं।इसके सुस्पष्ट व्याकरण और वर्णमाला की वैज्ञानिकता के कारण सर्वश्रेष्ठता भी...
View Articleजानिए शादी के बाद लड़कियों को बिंदी लगाना क्यों जरूरी होता हैजानिए शादी के...
बिंदिया लड़कियों को सोलह श्रृंगार में से एक माना गया है। इसीलिए बिंदी किसी भी लड़की की खूबसूरती में चार-चांद लगा देती है। लड़कियां इसका उपयोग सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से करती हैं और विवाहित महिलाओं...
View Articleजानिए भविष्य पुराण की कुछ सच्ची भविष्यवाणियों कोजानिए भविष्य पुराण की कुछ...
भविष्य पुराण भारत की प्राचीन सनातन संस्कृति का एक अनमोल हिस्सा है। यह 18 पुराणों में से एक है, इसके रचयिता महर्षि वेद व्यास हैं। व्यास जी ने यह पुराण कलियुग में होने वाली घटनाओं के उपर लिखा है। इसकी...
View Articleविदुर नीति-बुद्धिमान से बैर करना ठीक नहींविदुर नीति-बुद्धिमान से बैर करना ठीक...
कई मूर्ख लोग सभ्य और बुद्धिमान व्यक्तियों को अहिंसक समझकर उनका अपमान करते हैं। उनके प्रति अपराध करते हुए उनको लगता है कि यह तो अहिंसक व्यक्ति है क्या कर लेगा? आजकल तो हिंसा के प्रति लोगों का मोह ऐसा...
View Articleसंत कबीर के दोहे-पराई नारी से मजाक न करोसंत कबीर के दोहे-पराई नारी से मजाक न करो
मनुष्य अपने सुख के पल तो एकदम सहजता से गुजार लेता है पर जब दुःख आता है तो भगवान को याद करता है। सच बात तो यह है कि मनुष्य अपने संकटों को स्वयं ही आमंत्रित करता है। कई बार तो ऐसे वाद विवादों को जन्म...
View Articleभगवान श्रीविष्णु कर्म के प्रेरणा स्तोत्र-सामवेद से संदेशभगवान श्रीविष्णु कर्म...
भगवान विष्णु कर्म और फल के प्रतीक भगवान माने जाते हैं। यही कारण है कि भगवान विष्णु तथा लक्ष्मी के अनेक अवतार समय समय पर हुए है। ब्रह्मा संसार के रचियता तो भगवार शिव संहारक और उद्धारकर्ता कहे गये हैं...
View Articleसम्पूर्ण चाणक्य नीतिसम्पूर्ण चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान विभूति थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता, बुद्धिमता और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ,...
View Articleआदमी अपने मूल स्वभाव के अनुसार रस का आनंद लेता हैआदमी अपने मूल स्वभाव के...
पूरे विश्व में उपभोग संस्कृति का प्रभाव बढ़ रहा है। धार्मिक गुरु तथा समाज चिंत्तक भले ही अपने समाजों के सांस्कृतिक, धार्मिक तथा श्रेष्ठ होने का दावा भले करें पर सच यह है कि अध्यात्मिक दृष्टि से लोगों...
View Articleभारतीय दर्शन और चिंतनभारतीय दर्शन और चिंतन
वैदिक दर्शन जिसे षडदर्शन(Group of 6 Philosophies)आर्य परम्पराओ का विस्तार है जो आगे लगभग ५ वी सदी इस्वी में पौराणिक मूर्तिपूजक हिंदुत्व के रूप में परिवर्तित हो गया.वैदिक दर्शन की धारायें:-...
View Articleवेदान्त के बारे मेंवेदान्त के बारे में
वेदान्त का अर्थ- वेदान्त का अर्थ है- वेद का अन्त या सिद्धान्त। तात्पर्य यह है- ‘वह शास्त्र जिसके लिए उपनिषद् ही प्रमाण है। वेदांत में जितनी बातों का उल्लेख है, उन सब का मूल उपनिषद् है। इसलिए वेदान्त...
View Articleधर्म के बारे में कुछ तथ्यधर्म के बारे में कुछ तथ्य
हिंदू धर्म (हिंदुत्व) : जिसे ब्रह्मवाद भी कहते हैं, एक बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) धर्म है, जिसका भारत के अधिकांश लोग पालन करते हैं, यह आस्थाओं, परंपराओं और रीतियों का एक समूह है जो पंद्रहवीं शताब्दी ईसा...
View Articleहिन्दू धर्म संदेश-अपव्ययी का पतन शीघ्र होता हैहिन्दू धर्म संदेश-अपव्ययी का...
नीति विशारद चाणक्य कहते हैं कि बिना विचारे ही अपनी आय के साधनों से अधिक व्यय करने वाला सहायकों से रहित और युद्धों में रुचि रखने वाला तथा कामी आदमी का बहुत शीघ्र विनाश हो जाता है। वर्तमान संदर्भ में...
View Articleअन्धविश्वास ने धर्म के प्रति विश्वास को कमजोर किया हैअन्धविश्वास ने धर्म के...
एक मित्र ब्लाग लेखक सुरेश चिपलूनकर ने कल कुछ फोटो बनारस शहर और गंगा नदी के भेजे। वह हिंदी ब्लागजगत के सक्रिय लेखक होने के साथ दूसरों से सतत संपर्क रखने की कला में भी सिद्ध हस्त हैं और अक्सर ऐसे फोटो...
View Articleधार्मिक आस्था कालिदास की रचनाधार्मिक आस्था कालिदास की रचना
कालिदास की रचनाओं से प्रतीत होता है कि शिव और शक्ति के उपासक थे। उन्होंने रघुवंश के आरंभ में पार्वती और परमेश्वर की वंदना करते हुए कहा है -- वागर्थाविव सम्पृक्तौ वागर्थप्रतिपत्तये। जगतः पितरौ वन्दे...
View Articleपान के अचूक टोटकेपान के अचूक टोटके
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य से पहले या पूजा पाठ के दौरान पान के पत्ते के जरिए भगवान का नमन किया जाता है। स्कंद पुराण के मुताबिक देवताओं द्वारा समुद्र मंथन के समय पान के पत्ते का...
View Articleबजरंगबली कैसे बने पंचमुखी हनुमानबजरंगबली कैसे बने पंचमुखी हनुमान
जब राम और रावण की सेना के मध्य भयंकर युद्ध चल रहा था और रावण अपने पराजय के समीप था तब इस समस्या से उबरने के लिए उसने अपने मायावी भाई अहिरावन को याद किया जो मां भवानी का परम भक्त होने के साथ साथ तंत्र...
View Articleयहाँ पूजा करना हो सकता अशुभयहाँ पूजा करना हो सकता अशुभ
उत्तराखंड: भारत में एक और जहां किसी दंपति का एक साथ मंदिर में पूजा करना शुभ माना जाता है। वहीं, देवभूमि हिमाचल प्रदेश के शिमला में मां दुर्गा का एक ऐसा मंदिर हैं जहां पति-पत्नी एक साथ पूजा नहीं कर...
View Articleआत्माओं से बात करने के सरल तरीकेआत्माओं से बात करने के सरल तरीके
हम आपको बता दें कि यह बातें सिर्फ मान्यताओं पर आधारित है जिन पर लोग परंपरागत तौर पर यकीन करते आए हैं। इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह अंधविश्वास भी हो सकता है। आत्माओं के होने या नहीं होने के...
View Articleभीष्म पितामह एक अजेय योद्धा थेभीष्म पितामह एक अजेय योद्धा थे
भीष्म को प्रतिज्ञा के लिए भी जाना जाता था इसी के आधार पर उन्होंने सारे नियम बनाए। उन्होंने दैनिक जीवन के सरल नियमों को भी अपनी चरम प्रकृति तक पहुंचने का सोपान बना लिया। भीष्म ने इतनी भीषण प्रतिज्ञा कर...
View Articleरुद्राष्टकम का अर्थरुद्राष्टकम का अर्थ
रुद्राष्टकम गोस्वामी तुलसीदास की रचना है हे भगवन ईशान को मेरा प्रणाम ऐसे भगवान जो कि निर्वाण रूप हैं जो कि महान ॐ के दाता हैं जो सम्पूर्ण ब्रह्माण में व्यापत हैं जो अपने आपको धारण किये हुए हैं जिनके...
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