शिव और सप्तऋषि के योग का उदय कालशिव और सप्तऋषि के योग का उदय काल
आधुनिक मानवशास्त्र और विज्ञान के मुताबिक आज से करीब पचास हजार साल और सत्तर हजार साल पहले के बीच कहीं कुछ घटित हुआ। इन बीस हजार सालों के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसने अचानक मानव जाति में बुद्धि को एक अलग...
View Articleजंगलों में भी है मंदिरों जैसी पवित्रताजंगलों में भी है मंदिरों जैसी पवित्रता
अगर आप किसी बहुत पुराने जंगल में जाएं, जहां बहुत ही कम मनुष्य गए हों, तो ऐसे जंगल में जाकर आप बस अपनी आंखें बंद करके बैठ जाइए, आपको लगेगा कि आप किसी मंदिर में बैठे हुए हैं। आप वाकई इस बात को महसूस कर...
View Article11 डिग्री पर पृथ्वी करती है साधना में मदद11 डिग्री पर पृथ्वी करती है साधना...
योग परंपरा में भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में 33 डिग्री तक के स्थान को पवित्र माना जाता है। इसके दक्षिण में अधिक भूमि नहीं है, इसलिए मुख्य रूप से हम उत्तरी गोलार्ध पर ध्यान केंद्रित करते हैं।...
View Articleदेवी के सृजन की कहानीदेवी के सृजन की कहानी
जब हम स्त्रैण या स्त्रियोचित की बात करते हैं, तो इसका संबंध स्त्री होने से नहीं होता। स्त्री होना एक शारीरिक चीज है। स्त्रियोचित होना शरीर से जुड़ा हुआ नहीं है, यह उससे कहीं अधिक है। हमारी संस्कृति...
View Articleहर दिन माँ का दिनहर दिन माँ का दिन
अभी आप जिस शरीर को ढो रहे हैं, यह वही शरीर नहीं है जो आपकी माँ की गर्भ से बाहर आया था – वह तो पूरी तरह बदल चुका है। आज आपने अपने शरीर में जितना भी किलोग्राम बढ़ा लिया है, वह सब धरती माँ का दिया हुआ है।...
View Articleजीवन और प्रारब्ध कर्मों की तीव्रता हैजीवन और प्रारब्ध कर्मों की तीव्रता है
अगर हम मान लें कि कृष्ण भगवान थे, तो उनके भक्तों को इतनी मुश्किलों का सामना क्यों करना पड़ा? जहां तक मेरा सवाल है, जब तक मैं आपसे नहीं मिला था, मेरे जीवन से ज्यादातर लोगों को ईर्ष्या होती थी। अब भी...
View Articleकृष्ण और बलराम की जलयात्रा समुद्री डाकुओं के साथकृष्ण और बलराम की जलयात्रा...
कृष्ण जहाज में आराम से यहां-वहां घूमते। उन्होंने लोगों से दोस्ती करनी शुरू कर दी। पांचजन्य ने यह सब देखा, लेकिन वह दोस्ती नहीं करना चाहता था। दोस्ती उसके लिए खतरे के जैसी थी। वह चाहता था कि पूरा जहाज...
View Articleहिंदूओं की ताकत है ध्यान और गीता का ज्ञानहिंदूओं की ताकत है ध्यान और गीता का...
मैं देश में चल रहे माहौल को जब देखता हूँ जिसमें हिदू धर्म के प्रति लोगों के मन में तमाम विचार आते हैं पर उनका कोई निराकरण करने वाला कोई नहीं है। धर्म के नाम पर भ्रम और भक्ती के नाम पर अंधविश्वास को...
View Articleक्या आप मन की शांति ढूंढ रहे हैक्या आप मन की शांति ढूंढ रहे है
हम अक्सर खुद से यही शिकायत करते रहते हैं कि हमारा मन शांत नहीं रहता है. पूरा दिन कुछ लोग बैचेन रहते हैं और इसी की वजह से उनका स्वास्थ्य भी खराब होने लगता है. आज हम आपको ऐसी 7 बातें बताने वाले हैं,...
View Articleमुस्लिम क्यों सिर्फ दाढ़ी रखते हैं मुछ नहींमुस्लिम क्यों सिर्फ दाढ़ी रखते हैं...
हर मज़हब, हर धर्म को पहचानने के लिए हम सब ने अपने दिमाग में कई तस्वीरें बना रखी हैं. अगर किसी व्यक्ति ने पगड़ी पहन रखी हैं तो वह पंजाबी ही होगा या किसी ने अगर धोती पहनी हैं तो वह हिन्दू होगा या फिर किसी...
View Articleसुख शांति का सूत्र गृह प्रवेशसुख शांति का सूत्र गृह प्रवेश
आमतौर से भारत में दो प्रकार के गृह प्रवेशों का चलन है। जब किसी महिला का विवाह होता है, तो उसका अपने पति के घर में प्रवेश करना एक बड़ी बात मानी जाती है। हालांकि आजकल यह बड़ी बात नहीं रह गई है, क्योंकि...
View Articleकैसे हुई थी चन्द्रवंश की शुरुआतकैसे हुई थी चन्द्रवंश की शुरुआत
अब तक आपने पढ़ा: इंद्र के पुजारी और देवों के गुरु वृहस्पति खुद अय्याशी करते घूम रहे थे और अपनी पत्नी तारा की उपेक्षा कर रहे थे। उनकी उपेक्षित पत्नी तारा को चंद्रदेव से प्रेम हो गया और तारा चंद्रदेव के...
View Articleहर भाषा की जननी है संस्कृतहर भाषा की जननी है संस्कृत
संस्कृत एक यंत्र है। यंत्र का क्या मतलब है? देखो, यह माइक्रोफोन यंत्र है। सौभाग्य से यह बोल नहीं सकता, लेकिन जो कुछ भी मैं बोल रहा हूं, उसकी यह आवाज बढ़ा देता है। अगर यह बोलने वाला यंत्र होता और मैं जो...
View Articleमिलिए कुछ अनोखे संतों सेमिलिए कुछ अनोखे संतों से
मेइपोरुल नयनार मेइपोरुल नयनार दक्षिण भारत के एक समृद्ध राज्य के राजा थे। पड़ोसी राज्य का राजा मुथानाथन, मेइपोरुल से जलता था और उसने उनके राज्य को जीतने की कोशिश की। लेकिन वह विफल रहा और उसने लड़ाई में...
View Articleज्योतिष विकास यात्रा में बाधाओं की बढ़ती भूमिकाज्योतिष विकास यात्रा में बाधाओं...
ज्योतिष शास्त्र की सबसे बड़ी विडंबना ये है कि इसमें शोध कार्य अपनी न्यूनतम सीमा तक पहुंच चुका है। इस विषय पर ज्यादातर शोध 13वीं-14वीं शताब्दी तक हुए। इसके पश्चात केवल इनकी टीकाएं और टिप्पणियां लिखी...
View Articleअद्भुत है गायत्री मंत्र के उच्चारण का प्रभावअद्भुत है गायत्री मंत्र के...
ॐ को सभी मंत्रों का सार कहा जाता है, हिन्दू पुराणों के अनुसार इस एक शब्द में समस्त ब्रह्मांड समाया हुआ है। ॐ की ध्वनि मनुष्य को भीतर तक तृप्त कर देती है। गायत्री मंत्र भी एक ऐसा ही अद्भुत मंत्र है जो...
View Articleनए आविष्कार को जन्म देने वाला ग्रह है राहुनए आविष्कार को जन्म देने वाला ग्रह...
हर ग्रह अपने स्वभाव के अनुसार ही फल देने में सक्षम होता है। जैसे मंगल एक क्षत्रिय और पुरुष ग्रह है, जो जोर-जबरदस्ती, आक्रामकता, तेज स्वभाव और चोट देने वाला रक्त का प्रतिनिधि है। जबकि शनि और राहु ये...
View Articleक्या कालसर्प दोष की पूजा घर में भी हो सकती हैक्या कालसर्प दोष की पूजा घर में...
प्रत्येक सोमवार को प्रातः सूर्योदय के समय 1 घंटे के भीतर स्नान से निवृत्त हो शुद्धिपूर्वक शिवलिंग पर 11 अक्षत यानी साबुत चावल के दाने "श्री राम" का उच्चारण करते हुए अर्पित करें एवं मन ही मन अपनी विशेष...
View Articleआत्माओं से बात करने के सरल तरीकेआत्माओं से बात करने के सरल तरीके
हम आपको बता दें कि यह बातें सिर्फ मान्यताओं पर आधारित है जिन पर लोग परंपरागत तौर पर यकीन करते आए हैं। इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह अंधविश्वास भी हो सकता है। आत्माओं के होने या नहीं होने के...
View Articleशास्त्रों से क्या होता है मौत के बाद, जानें वो राज़ जो खुदशास्त्रों से क्या...
मौत के बाद का जीवन किसी ने नहीं देखा। इसलिए मृत्यु से जुड़ा कोई भी विषय या घटना इंसान के सामने आती है तो वह उसे जानने के लिए आतुर हो जाता है। इस विषय को लेकर उसकी यह जिज्ञासा आजीवन बनी रहती है। असल...
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