किस्मत वाले होते है जिन्हे मिलता है श्री हरि का साथकिस्मत वाले होते है जिन्हे...
एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने इष्ट देव को बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ और याद करता था। एक दिन इष्ट देव ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिये तथा कहा राजन्...
View Articleसुख के लिए पहले उस लायक बनोसुख के लिए पहले उस लायक बनो
मिट्टी ने मटके से पूछा, मैं भी मिट्टी और तू भी मिट्टी। परंतु पानी मुझे बहा ले जाता है। और तू पानी को अपने में समा लेता है। तेरे अंदर दिनों-महीनों तक पानी भरा रहता है, पर वह तुझे गला नहीं पाता। मटका...
View Articleसभी कार्यो में सर्वप्रथम श्री गणेश का आहवान क्यों?सभी कार्यो में सर्वप्रथम...
कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूर की जाती है. इस तरह की स्थिति को हम श्री गणेश के नाम से भी जानते हैं. अब मन में सवाल उठता है कि आखिर क्यों भगवान श्री गणेश की पूजा अन्य देवताओं...
View Articleप्यार सच्चा हो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने की कोशिश करती हैप्यार सच्चा हो...
एक 14 साल के लडके को अपनी ही कलास कि एक लडकी से प्यार हो गया। जिसकी उम्र 10 साल कि थी जो बहुत अमीर और खुबशुरत थी। वह लडका अपने प्यार का इजहार करना चाहता था, पर उसे अपनी गरीबी के अहसास ने कभी उस लडकी...
View Articleरूप है तेरा एक किसी ने समझा जगत पिता, तो किसे ने पैर का जूतारूप है तेरा एक...
एक ट्रक में मारबल जा रहा था। उसमें एक भगवान की मूर्ति, और चकोर टाइल्स साथ- साथ जा रही थी। रास्ते में आपस में टकराते हुए टाइल्स ने भगवान् की मूर्ति से कहा भाई उपर वाले के द्वारा हम दोनों के साथ यह...
View Articleमूषक को ही क्यों चुना गणेश ने अपना वाहनमूषक को ही क्यों चुना गणेश ने अपना वाहन
गणेश जी की बुद्धि का हर कोई कायल है. तर्क-वितर्क में हर कोई हार जाता था. एक-एक बात या समस्या की तह में जाना, उसकी मीमांसा करना और उसके निष्कर्ष तक पहुंचना उनका शौक है. चूहा भी तर्क-वितर्क में पीछे...
View Articleमैं भी एक दिन कूड़े का ट्रक बन जाउंगामैं भी एक दिन कूड़े का ट्रक बन जाउंगा
एक दिन एक व्यक्ति ऑटो से रेलवे स्टेशन जा रहा था। ऑटो वाला बड़े आराम से ऑटो चला रहा था कि अचानक ही एक कार पार्किंग से निकलकर तेज गति से रोड़ पर आ गयी। ऑटो चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया, तब जाकर कार ऑटो से...
View Articleआप जो कार्य कर रहे हैं क्या वह सही है?आप जो कार्य कर रहे हैं क्या वह सही है?
एक पहलवान जैसा, हट्टा-कट्टा, लंबा-चौड़ा व्यक्ति सामान लेकर रेलवे स्टेशन पर उतरा। उसनेँ एक टैक्सी वाले से कहा कि मुझे साईँ बाबा के मंदिर जाना है। टैक्सी वाले ने कहा 200 लगेँगे। उस पहलवान आदमी नेँ अपने...
View Articleआत्मज्ञान से "मैं" को जानेंआत्मज्ञान से "मैं" को जानें
यह संसार सागर जड़ और चेतन को धारण किये हुए है । इस संसार में हम जड़ पदार्थों से निर्मित बाह्य दृष्यमय जगत की उपलब्धि तो कर ही लेते हैं, परंतु इसके पीछे सत्ता स्वरूप चेतन तत्व का आभास तक नहीं होता।...
View Articleइंसानियत से ही झलकता है इंसान का असली रूपइंसानियत से ही झलकता है इंसान का...
मानव रूपी तन पाने के बाबजूद भी इस संसार में लोगो के विचार ,और भावनाएं कुछ अलग ही होती है सभी के अंदर मानवता का भाव नहीं होता है मानव का असली रूप तो दया , धर्म परोपकार ,पुण्य आदि से झलकता है इंसानियत...
View Articleसत संगति और सच्चा मन - अब बदले हमसत संगति और सच्चा मन - अब बदले हम
इस जगत में मानव जीवन में भावना और विचारों की श्रेष्टता का होना बहुत ही जरुरी होता है. जो उसे इस संसार सागर में एक अच्छी पहचान के रूप में प्रस्तुत करता है. श्रष्टि की इस रचना में मानव श्रेष्ठ है, वह...
View Articleभगवान के साथ मनाऐंगे नया सालभगवान के साथ मनाऐंगे नया साल
अंग्रेजी कैलेंडर के नववर्ष 2016 की शुरूआत में जहां आधुनिक और बड़े शहरों में सुबह की शुरूआत सेलिब्रेशन से और मध्यरात्रि में उत्साह के साथ होगी वहीं छोटे और धार्मिक शहरों में नववर्ष की पूर्व संध्या पर...
View Articleसमस्याओं का समाधान साधनों में नहीं साधना में निहित हैसमस्याओं का समाधान...
इस मानव जगत में हर कोई किसी न किसी समस्या में उलझा हुआ सा है. उसकी हर सुबह कोई नया रंग लेकर आती है. उसके जीवन का हर दिन उसे किसी न किसी रूप में कोई संदेश देता है। जिससे व्यक्ति उस सन्देश के प्रति...
View Articleएकाग्रता की शक्ति से होता है सुख और शांति का समावेशएकाग्रता की शक्ति से होता...
मानव को अपने जीवन की प्रत्येक सीढ़ी से गुजरने और कार्य की पूर्ती के लिए एकाग्रता का भाव बेहद जरूरी होता है .मानव जीवन में एकाग्रता समस्त ज्ञान का सार है. एकाग्रता के बिना कुछ नहीं किया जा सकता. इस जगत...
View Articleचाणक्य नीति: कुछ इस तरह होते हैं बुद्धिमान लोगों के कामचाणक्य नीति: कुछ इस...
मानव जीवन में किसी भी कार्य को करने से पहले विचारों का विमर्श करना अतिआवश्यक होता है. क्योंकि सोच विचार कर किया गया कार्य कभी विफल नहीं होता .हमें सफलता अवश्य मिलती है . चाणक्य नीति के अनुसार - कहते...
View Articleपत्नी के बिना अधूरा है जीवनपत्नी के बिना अधूरा है जीवन
अजी सुनते हो एक बात कहू आपसे, एक 80 साल की पत्नी ने अपने 84 साल के पति से कहा ! पति अपनी पत्नी के करीब आया और बोला हाँ कहो ! पत्नी भावुक होकर बोली, आपको याद है आपने हमारी शादी से ठीक पहले अपनी माँ को...
View Articleक्यों माँ नर्मदा को गंगा से अधिक फलदायी माना जाता है?क्यों माँ नर्मदा को गंगा...
नर्मदा सरितां वरा नर्मदा नदियों में सर्वश्रेष्ट हैं। नर्मदा तट पर दाह संस्कार के बाद, गंगा तट पर इसलिए नहीं जाते हैं कि, नर्मदा जी से मिलने गंगा जी स्वयं आती है । नर्मदा नदी पर ही नर्मदा पुराण है,...
View Articleगुरु की पूजा से परमात्मा की पूजा सम्पन्न होती हैगुरु की पूजा से परमात्मा की...
जैसे गुरूओं का कर्तव्य है शिष्यों का आत्म उन्नति के पथ पर पहुँचाना, उसी तरह शिष्यों का धर्म है गुरुओं का सेवा करना। पिता की प्रसन्न्ता से प्रजापति ब्रह्मा प्रसन्न होते हैं, माता की सेवा और बन्दगी से...
View Articleप्रेरणा से जगमगाया हमारा जीवनप्रेरणा से जगमगाया हमारा जीवन
इस जगत में रहने वाले प्रत्येक मानव प्राणी को अपने जीवन की सही दिशा में चलने के लिए प्रेरणा लेना बेहद जरूरी होता है. प्रेरणा चाहे किसी अन्य व्यक्ति से लें या फिर खुद के मनोभावों से , जब भी कभी हम अच्छी...
View Articleअंतरात्मा का सम्मान कर पाया ज्ञानअंतरात्मा का सम्मान कर पाया ज्ञान
मानव की अंतरात्मा से ही उसके विचारो और ज्ञान की पुष्टि होती है. व्यक्ति अपने जीवन के प्रत्येक क्रिया -कलापों को अपने मन के माधयम से आगे बढ़ता है .मानव की आत्मा से ही उसके विचारों को प्रगट किया जाता है....
View Article