भगवान शिव : जो शून्य से परे हैंभगवान शिव : जो शून्य से परे हैं
अस्तित्व को समझने के लिए विज्ञान पूरे जोर-शोर से कोशिशें करता रहा है। लेकिन हमारे देखने, सुनने स्पर्श करने की शक्तियां और यहां तक मन भी सिर्फ भौतिक चीज़ों को ही समझ सकते हैं। हमारे द्वारा बनाया गया कोई...
View Articleमूलाधार चक्र आपके शरीर का आधारमूलाधार चक्र आपके शरीर का आधार
अगर आप गर्भाधान के ठीक बाद मानव शरीर को देखें, तो वह सिर्फ मांस का एक बहुत ही छोटा सा गोला होता है। मांस का वह नन्हा सा पिंड धीरे-धीरे अपने आप को व्यवस्थित करके वह रूप धारण कर लेता है जो आज दिख रहा...
View Articleखुशी पैदा करने का सरल उपायखुशी पैदा करने का सरल उपाय
खुशी के बारे में आपका कोई विचार नहीं होना चाहिए। आपको बस खुश रहना चाहिए। चार्ल्स डार्विन ने बताया था कि आप बंदर थे। धीरे-धीरे आपकी पूंछ गायब हो गई और आप इंसान बन गए। पूंछ तो गायब हो गई, लेकिन क्या...
View Articleमन को झकझोरना होगामन को झकझोरना होगा
हिंदुस्तान में जात-पांत तब चलन में आया जब किसी भी हुनर को सही ढंग से सिखाने के लिए कोई ट्रेनिंग-सेंटर नहीं होते थे। उस हालत में परिवार ही एकमात्र वह जगह बन गया जहां ट्रेनिंग मिल सकता था। ऐसे में बहुत...
View Articleभगवान बुद्ध ने क्या भेंट किया अपने पुत्र कोभगवान बुद्ध ने क्या भेंट किया...
शायद ही दुनिया में ऐसा कोई इंसान होगा जिसने गौतम का नाम न सुना हो। ज्यादातर लोग उन्हें बुद्ध के नाम से जानते हैं। इस धरती पर कई बार आध्यात्म की एक बड़ी लहर सी आई है। बुद्ध खुद ऐसी ही एक आध्यात्मिक लहर...
View Articleविचारों का सिलसिला क्या कभी थम सकता हैविचारों का सिलसिला क्या कभी थम सकता है
आप क्रिया पर ध्यान लगा रहे हैं और विचारों को दूर रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन विचार दूर नहीं जाते। यह हमारे मन का स्वभाव है, पर ऐसा लगता है कि आप अपने मन के साथ ज्यादती कर रहे हैं। जब आप...
View Articleखुश रहने का सीधा और सरल तरीकाखुश रहने का सीधा और सरल तरीका
भक्ति परंपरा के प्रवर्तक आचार्य रामानुज के पास एक एक दिन एक युवक आया और उनकी चरण वंदना करके बोला, मुझे आपका शिष्य बनना है। आप मुझे अपना शिष्य बना लीजिए। उस युवक का नाम था श्रीमाल। रामानुज ने उससे...
View Articleजानिए सरस्वती पूजा की संपूर्ण विधि और मुहूर्तजानिए सरस्वती पूजा की संपूर्ण...
बंसत पंचमी का दिन पूरे वर्ष के शुभ दिनों में से एक होता है। इस दिन सिद्घ योग भी बन रहा है तो शुभ फलदायी है। जो लोग नया काम या शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नया करने की सोच रहे हैं तो उनके लिए यह दिन बहुत...
View Articleकबीर वाणी-प्यार को सही ढंग से कोई नहीं समझताकबीर वाणी-प्यार को सही ढंग से कोई...
प्रेम-प्रेम सब कोइ कहैं, प्रेम न चीन्है कोय जा मारग साहिब मिलै, प्रेम कहावै सोय संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि प्रेम करने की बात तो सभी करते हैं पर उसके वास्तविक रूप को कोई समझ नहीं पाता। प्रेम का...
View Articleदूसरे की निंदा कर अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने का प्रयास अनुचितदूसरे की निंदा कर अपनी...
सामान्य मनुष्य की इंद्रियां अपने समक्ष घटित दृश्य, उपस्थित वस्तु तथा व्यक्ति के साथ ही स्वयं से जुड़े विषय पर ही केंद्रित रहती है। ज्ञान के अभाव में मनुष्य सहजता से बहिर्मुखी रहता है जिस कारण उसे जल्दी...
View Articleरूमी एक अनोखे सूफी संत थेरूमी एक अनोखे सूफी संत थे
धार्मिक विद्वान जलालुद्दीन रूमी, दुनिया के जाने-माने कवि और सूफी संत बनने से पहले अपने अंदर एक ऐसे खालीपन के एहसास से जूझ रहे थे, जो बयान नहीं किया जा सकता। हालांकि रूमी के हजारों प्रशंसक और शिष्य थे,...
View Articleडर लगता है आखिर क्योंडर लगता है आखिर क्यों
तुम्हें अपने भय तथा असुरक्षा को छोड़ना नहीं है, क्योंकि वास्तव में उनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। तुम तो उन्हें अचेतन में निर्मित किए जा रहे हो। अगर तुम उन्हें निर्मित नहीं करते हो, तो वास्तव में उनका...
View Articleकहीं आप अकेले रहना तो नहीं चाहतेकहीं आप अकेले रहना तो नहीं चाहते
अगर आप अकेले रहना चाहते, तो कोई भी आपको नहीं रोकता लेकिन जब आपकी शादी हो गई और उसके बाद आप अकेले रहना चाहते हैं, तो यह एक समस्या है। आपके बच्चे हो गए और आप अकेले रहना चाहते हैं, तो यह एक बड़ी समस्या...
View Articleमंसूर अल-हलाज आखिर क्यों कहता था की मैं खुदा हूँमंसूर अल-हलाज आखिर क्यों कहता...
मंसूर अल-हलाज सूफीवाद के सबसे विवादास्पद व्यक्तियों में से एक थे। उन्होंने दावा किया था ‘मैं ही सत्य हूं’ जिसे धर्म विरोधी माना गया और इस कारण उन्हें पचपन साल की उम्र में बड़ी बेरहमी के साथ मौत की सजा...
View Articleमहाभारत कथा भीष्म ने किया राजकुमारियों का अपहरणमहाभारत कथा भीष्म ने किया...
शांतनु और सत्यवती के दो बच्चे हुए। बड़े पुत्र का नाम चित्रांगद और दूसरे का विचित्रवीर्य पड़ा। चित्रांगद एक अहंकारी युवक था। एक दिन वह वन में गया। एक गंधर्व, जो असाधारण क्षमताओं वाला प्राणी होता है,...
View Articleमहाभारत कथा : क्यों आकर्षित हुए शांतनु सत्यवती की ओरमहाभारत कथा : क्यों...
तब तक, मत्स्यगंधी एक सांवली-सलोनी युवती बन चुकी थी। मछुआरों के मुखिया दासा ने उसकी अच्छी देखभाल की थी। वह नाव में लोगों को यमुना नदी पार कराती थी। एक दिन पाराशर ऋषि यमुना नदी के तट पर आए। उन्हें नाव...
View Articleमीरा के लिए कृष्ण भ्रम नहीं हकीकत थेमीरा के लिए कृष्ण भ्रम नहीं हकीकत थे
मीराबाई के बालमन में कृष्ण की ऐसी छवि बसी थी कि किशोरावस्था से लेकर मृत्यु तक उन्होंने कृष्ण को ही अपना सब कुछ माना। जोधपुर के राठौड़ रतनसिंह जी की इकलौती पुत्री मीराबाई का जन्म सोलहवीं शताब्दी में हुआ...
View Articleमानव जीवन के लिए ज्ञान गंगा : सार्थक कर्म का येमानव जीवन के लिए ज्ञान गंगा :...
मानव जीवन में कर्म तो अहम हैं पर कर्मों की भी सार्थकता जरूरी हैं जो मानव को प्रगति के पथ का दर्शन कराती हैं .प्रत्येक व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में वैसे तो कई प्रकार के कार्यों का निष्पादन करना होता...
View Articleगणपती का पेट या कुबेर का धन कौन बड़ा हैगणपती का पेट या कुबेर का धन कौन बड़ा है
पार्वती से विवाह करने के बाद शिव उनके साथ कभी-कभार ही रहते थे। कई बार ऐसा लगता था कि वह गृहस्वामी हैं, तो कई बार वह एक तपस्वी की तरह व्यवहार करने लगते थे। कुछ समय के लिए वह पार्वती के साथ रहते और फिर...
View Articleशिव के गण और गणपतीशिव के गण और गणपती
शिव के गणों को लेकर यौगिक गाथाओं में यह कहा गया है कि गण शिव के मित्र थे। ये वे लोग थे जो हमेशा शिव के आस पास रहते थे। हालांकि शिव के साथ उनके शिष्य थे, पत्नी थीं और कई सारे प्रशंसक भी होते थे – लेकिन...
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