पान के अचूक टोटकेपान के अचूक टोटके
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य से पहले या पूजा पाठ के दौरान पान के पत्ते के जरिए भगवान का नमन किया जाता है। स्कंद पुराण के मुताबिक देवताओं द्वारा समुद्र मंथन के समय पान के पत्ते का...
View Articleबजरंगबली कैसे बने पंचमुखी हनुमानबजरंगबली कैसे बने पंचमुखी हनुमान
जब राम और रावण की सेना के मध्य भयंकर युद्ध चल रहा था और रावण अपने पराजय के समीप था तब इस समस्या से उबरने के लिए उसने अपने मायावी भाई अहिरावन को याद किया जो मां भवानी का परम भक्त होने के साथ साथ तंत्र...
View Articleयहाँ पूजा करना हो सकता अशुभयहाँ पूजा करना हो सकता अशुभ
उत्तराखंड: भारत में एक और जहां किसी दंपति का एक साथ मंदिर में पूजा करना शुभ माना जाता है। वहीं, देवभूमि हिमाचल प्रदेश के शिमला में मां दुर्गा का एक ऐसा मंदिर हैं जहां पति-पत्नी एक साथ पूजा नहीं कर...
View Articleआत्माओं से बात करने के सरल तरीकेआत्माओं से बात करने के सरल तरीके
हम आपको बता दें कि यह बातें सिर्फ मान्यताओं पर आधारित है जिन पर लोग परंपरागत तौर पर यकीन करते आए हैं। इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह अंधविश्वास भी हो सकता है। आत्माओं के होने या नहीं होने के...
View Articleभीष्म पितामह एक अजेय योद्धा थेभीष्म पितामह एक अजेय योद्धा थे
भीष्म को प्रतिज्ञा के लिए भी जाना जाता था इसी के आधार पर उन्होंने सारे नियम बनाए। उन्होंने दैनिक जीवन के सरल नियमों को भी अपनी चरम प्रकृति तक पहुंचने का सोपान बना लिया। भीष्म ने इतनी भीषण प्रतिज्ञा कर...
View Articleरुद्राष्टकम का अर्थरुद्राष्टकम का अर्थ
रुद्राष्टकम गोस्वामी तुलसीदास की रचना है हे भगवन ईशान को मेरा प्रणाम ऐसे भगवान जो कि निर्वाण रूप हैं जो कि महान ॐ के दाता हैं जो सम्पूर्ण ब्रह्माण में व्यापत हैं जो अपने आपको धारण किये हुए हैं जिनके...
View Articleसंसार में जीवन जीने का सबसे समझदारी भरा तरीकासंसार में जीवन जीने का सबसे...
इस संसार में जीवन जीने का सबसे समझदारी भरा तरीका है – हमेशा भक्ति की अवस्था में रहना। हालांकि ज्यादातर विचारशील लोग मेरी बात से सहमत नहीं होंगे, क्योंकि तथाकथित भक्त अकसर इस धरती के सबसे बड़े मूर्ख...
View Articleशरीर के सात मूल चक्रशरीर के सात मूल चक्र
सवाल यह है कि आखिर ये चक्र इस शरीर-प्रणाली में करते क्या हैं? मूल रूप से चक्र केवल सात हैं – मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपूरक, अनाहत, विशुद्धि, आज्ञा और सहस्रार। पहला चक्र है मूलाधार, जो गुदा और...
View Articleक्या था कारण जब कृष्ण ने अर्जुन को युद्ध लड़ने को कहाक्या था कारण जब कृष्ण ने...
एक क्षत्रिय का कर्तव्य दूसरे लोगों की रक्षा करना था क्योंकि आम लोगों को सुरक्षा की जरूरत थी और उनके पास हथियार नहीं होते थे। एक क्षत्रिय का युद्ध से इंकार करना वैसा ही था, जैसे एक किसान बीज बोने से...
View Articleरुद्राक्ष हर तरह के अमंगल से बचाता हैरुद्राक्ष हर तरह के अमंगल से बचाता है
रुद्राक्ष एक खास तरह के पेड़ का बीज है। ये पेड़ आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में एक खास ऊंचाई पर, खासकर हिमालय और पश्चिमी घाट सहित कुछ और जगहों पर भी पाए जाते हैं। अफसोस की बात यह है लंबे समय से इन पेड़ों...
View Articleस्त्री सिर्फ शारीरिक रूप से कमज़ोर है लेकिन अध्यात्म से नहींस्त्री सिर्फ...
स्त्रियां शारीरिक रूप से पुरुषों से कमजोर होती हैं, सिर्फ इसीलिए पुरुषों ने उन्हें अपने से मनोवैज्ञानिक रूप से कमजोर बनाने और आध्यात्मिक रूप से सशक्त न होने देने के लिए सब कुछ किया, ताकि वे आर्थिक रूप...
View Articleकुछ सपने जो हो सकते है हकीकतकुछ सपने जो हो सकते है हकीकत
सपनों का एक और रूप है, जो सही मायने में सपना ही नहीं है। यहां आश्रम में भैरवी देवी हैं। (ईशा योग केंद्र में लिंग भैरवी की प्रतिष्ठा सद्गुरु ने खुद की थी) कुछ समय पहले यह एक सपना था। हमने इस सपने को...
View Articleपूजा, हवन और यज्ञ क्या हमारी भलाई के लिए हैंपूजा, हवन और यज्ञ क्या हमारी भलाई...
सूखा, बांझ औरतें और भूकंप। इस देश में ऐसे महात्मा और तथाकथित धार्मिक लोग हमेशा से काफी मात्रा में रहे हैं। ऐसे धार्मिक व्यक्तियों के बावजूद यह देश बहुत से सूखों का साक्षी रहा है। ऐसे लोगों द्वारा अपने...
View Articleश्री मंगलनाथ में हो रहा भात पूजन, गर्भगृह से पा रहे दर्शनश्री मंगलनाथ में हो...
सिंहस्थ 2016 के बाद अब मध्यप्रदेश के धार्मिक पर्यटन नगर में श्रद्धालु मंदिरों में गर्भगृह से पूजन और दर्शन कर पा रहे हैं. दरअसल शहर में आयोजित हुए सिंहस्थ का समापन होने और साधु- संतों के अपने गंतव्य...
View Articleआभूषण कैसे जुड़े हैं अध्यात्म से जानेआभूषण कैसे जुड़े हैं अध्यात्म से जाने
आप शादी करते हैं, आप बच्चों को बड़ा करते हैं या आप संन्यासी बनते हैं क्योंकि आप उसे अपनी मुक्ति के लिए एक साधन के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं। इसलिए किसी शादी में, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था...
View Articleध्यानलिंग में क्या है अनोखी बातध्यानलिंग में क्या है अनोखी बात
ध्यानलिंग का अनोखापन यह है कि इसमें सभी सात चक्र प्रतिष्ठित हैं। लिंगदण्ड में, जो एक ताँबे की नली है, ठोस किया हुआ पारा भरा है। उसमें सभी सातों चक्र पूरी तीव्रता में प्रतिष्ठित हैं और इन्हें ध्यानलिंग...
View Articleयोजनाओं में घुटती रही है जिंदगीयोजनाओं में घुटती रही है जिंदगी
दरअसल योजना वह चीज है जो आपके मन में होती है। पर करते आप वो हैं जो आपके हाथ में होता है। आप कितना समय योजना बनाने में लगाते हैं और कितना काम करने में यह हर व्यक्ति को अपने जीवन के अनुसार, अपने काम-काज...
View Articleकृष्ण का ब्रह्मचर्य और उनकी लीला एक अन्तर्विरोधकृष्ण का ब्रह्मचर्य और उनकी...
कृष्ण हमेशा से ब्रह्मचारी थे। ब्रह्मचर्य का अर्थ होता है ब्रह्म या ईश्वर के रास्ते पर चलना। भले ही आप किसी भी संस्कृति या धर्म से ताल्लुक रखते हों, आपको हमेशा यही बताया गया, और आपका विवेक भी आपको यही...
View Articleकैसे पाएं कृष्ण जैसा जादुई आकर्षणकैसे पाएं कृष्ण जैसा जादुई आकर्षण
हो सकता है कि कल को यह दुनिया खत्म हो जाए, लेकिन यह नीलिमा कभी खत्म नहीं होगी। तो जाहिर है कि यह नीला रंग बिल्कुल नाजुक नहीं है। अब सवाल उठता है कि यहां तक पहुंचने का तरीका क्या है? तो जिस दिन से आप...
View Articleक्या स्त्री कभी पुरुष के बराबर हो सकती हैक्या स्त्री कभी पुरुष के बराबर हो...
समान का अर्थ बिल्कुल एक जैसा होना नहीं है। यहां समान से मतलब है, समान मौका, समान इज्जत, मगर एक समान काम नहीं। अगर आप क्रियाकलाप में बराबरी लाएंगे तो आप जीवन के ज्यादातर क्षेत्रों में स्त्री को नुकसान...
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