बेटियो को दहेज की बलि न चढ़ायेबेटियो को दहेज की बलि न चढ़ाये
रविवार का दिन था गायत्री जो 15 साल की है अपनी गुड़िया के लिए लहंगा सिल रही है वही बरामदे मे बैठे उसके पापा पेपर पढ़ रहे है माँ रसोई घर मे खाना बनाने मे व्यस्त है गायत्री अपनी गुड़िया को दुल्हन की तरह...
View Articleमाँ को लगा घर मायके सामाँ को लगा घर मायके सा
कभी माँ को भी ये घर मायका सा लगने दो। ठीक है, ये उसका घर है। उसी का घर है। लेकिन फिर भी कभी माँ को ये घर, मायका सा लगने दो। जागने दो कभी उसे भी देर से, नल आने का समय हो या बाई छुट्टी पर हो। छोटी छोटी...
View Articleविनम्रता से ही मनुष्यता की पहचान होती हैविनम्रता से ही मनुष्यता की पहचान होती है
दिलीप कुमार ने एक बार अपने साक्षात्कार में यह बताया था। बात उन दिनों कि है जब मैं अपने करियर के शिखर पर था। उस समय लोगों में मेरी बहुत अच्छी पहचान थी और बॉलीवुड का एक प्रसिद्ध एक्टर था। एक बार मैं...
View Articleएक ही बार में अत्यधिक प्रयास फलदायी नहीं होता।एक ही बार में अत्यधिक प्रयास...
एक लड़का पहाड़ी बादाम से भरे एक तंग गले वाले कलश में हाथ डालकर उन्हें निकालने का प्रयास कर रहा था। उसने अपनी मुट्ठी में अधिक से अधिक जितने भी पहाड़ी बादाम आ सकते थे भर लिए जब वह बाहर हाथ खींचने की...
View Articleमानव के सम्पूर्ण जीवन का आनंद तो उसके यथार्थ में ही छिपा हैमानव के सम्पूर्ण...
आज जीवन के प्रत्येक क्षण में हम चिंता को लेकर जी रहे है. आज मानव भविष्य की चिंता को लेकर इतना परेशान सा है की उसे स्वयं का होश नहीं की हम क्या है. इससे उसका आत्म विशवास घटता सा जा रहा है . मानव का...
View Articleमानसिकता से ही मानव जीवन होता है उन्नतमानसिकता से ही मानव जीवन होता है उन्नत
मानव जीवन उसकी मानसिकता पर ही टिका हुआ है. वह अपने जीवन में मन के भावों से ही उन्नति और अवनति को हासिल करता है. मानव जीवन से जुडी दांस्ता को इस कहानी के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है .एक बार एक आदमी...
View Articleआंतरिक ज्ञान से ही होता है मानव मन में परिवर्तनआंतरिक ज्ञान से ही होता है...
आज हम इस संसार में बहुत से साधनो के माध्यम से सांसारिक ज्ञान तो ले लेते है. यह ज्ञान वातावरण के मुताबिक देखने, सुनने , आजमाने ,से तो मिल जाता है. पर आंतरिक ज्ञान की पुष्टि तो मानव की अंतरात्मा से ही...
View Articleमाँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहींमाँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं
तीनों लोको में माँ का स्थान सर्वोपरी है .माँ के जैसा इस संसार सागर में कोई नहीं है, रिश्ते तो बहुत बनते है और बनकर भी टूट जाते है पर केवल माँ एक ऐसी जो जिंदगी भर अपने पुत्र से रिश्ता निभाती है , बेटा...
View Articleएकाग्रता हो तो इस महापुरुष की तरहएकाग्रता हो तो इस महापुरुष की तरह
संत वह होता है. जिसका मन निर्मल हो उसके भावों और विचारो की प्रधानता से ही उसे संत की उपाधी मिलती है. इसी में एक महान व्यक्ति स्वामी विवेकानंद है. ये महान पुरुष बचपन से ही बुद्धिमान थे। उनका व्यक्तित्व...
View Articleक्या है इस संसार की क्षणभंगुरताक्या है इस संसार की क्षणभंगुरता
इस संसार सागर में प्रकृति हर पल अपना नया रुख ले रही है. यह संसार परिवर्तनशील है। हम इस संसार सागर से इतना मोहित हो जाते है. विषय और वस्तुओं में इतने लीन हो जाते है, कि स्वयं को भूल जाते है. की हम क्या...
View Articleआत्म-विश्वास अपने आप एक ज्योतिष हैआत्म-विश्वास अपने आप एक ज्योतिष है
न्यूयार्क में एडवर्ड ऐनिस नामक एक व्यक्ति रहता था। वह धर्म-कर्म और ईश्वर में बहुत विश्वास रखता था पर अपने अनेक संबंधियों में सब से अधिक निर्धन वही था। तो भी वह इतना आत्म-विश्वासी था कि इसी एक गुण के...
View Articleमानव जीवन में आत्मबोध से ही है सुख की राहमानव जीवन में आत्मबोध से ही है सुख...
आपके जीवन में यदि धन -दौलत , नौकरी-चाकरी, वस्तुओं आदि का भण्डार क्यों न भरा हो पर यदि आपके पास संतोष नहीं है तो आप कभी भी सुखद जीवन व्यतीत नहीं कर सकते. आपका यह मन यहां वहां भटकता रहेगा और आप हमेशा...
View Articleमन से ही मानव जीवन में उठता है मानवता का भावमन से ही मानव जीवन में उठता है...
मानव जीवन में उसके मन की एकाग्रता ही उसे सफलता की राह तक ले जाती है. जीवन में अच्छे और बुरे का निर्णय तभी मानव ले पाता है .मानव का मन इतना चंचल होता है कि पल में यहां और पल में वहां खो सा जाता है....
View Articleक्या पाप क्या पुण्य जिसने माना हुआ जीवन धन्यक्या पाप क्या पुण्य जिसने माना...
मानव जीवन में कर्मों को गति प्रदान करते हुए हम जीवन में किये कर्मों को अच्छे और बुरे में विभक्त करते है जो पाप और पुण्य कहलाते है अच्छे कर्मों से पुण्य और बुरे कर्मों से पाप का घड़ा भरता है. और ये...
View Articleआज का विचारआज का विचार
अपने आप को परिस्थितियों का गुलाम कभी मत समझो तुम खुद अपने भाग्य के बिधाता हो...
View Articleनकल के लिए भी अक्ल चाहिएनकल के लिए भी अक्ल चाहिए
एक टोपी बेचने वाला व्यपारी था वह नगर से टोपियां लाकर गांव में बेचा करता था। एक दिन वह दोपहर के समय जंगल में जा रहा था कि थककर एक पेड़ के नीचे बैठ गया। उसने टोपियों की गठरी एक तरफ रख दी। थकावट के कारण...
View Articleहींग वाले की अच्छाईहींग वाले की अच्छाई
लगभग 35 साल का एक पठान आंगन में आकर रुक गया। हमेशा की तरह उसकी आवाज सुनाई दी - 'अम्मा.. हींग लोगी?' पीठ पर बँधे हुए पीपे को खोलकर उसने, नीचे रख दिया और मौलसिरी के नीचे बने हुए चबूतरे पर बैठ गया। भीतर...
View Articleसमस्याओं को तभी पकड़िये जब वो छोटी होंसमस्याओं को तभी पकड़िये जब वो छोटी हों
एक दस वर्षीय लड़का रोज अपने पिता के साथ पास की पहाड़ी पर सैर को जाता था। एक दिन लड़के ने कहा पिताजी चलिए आज हम दौड़ लगाते हैं, जो पहले चोटी पे लगी उस झंडी को छू लेगा वो रेस जीत जाएगा! पिताजी तैयार हो गए।...
View Articleजीवन जीने के तथ्यजीवन जीने के तथ्य
कितना मुश्किल है, जिंदगी का सफर भगवान मरने नही देते और इंसान जीने नही देते। खून जिसका भी हो रंग सबका एक ही है, कैसे पता लगाया जाये बेगाना कौन है और अपना कौन है। चलो माना दुनियाँ बहुत बुरी है, लेकिन...
View Articleभूले नहीं भुलाता है वो बचपनभूले नहीं भुलाता है वो बचपन
मुख और जीभ का व्यायाम जो अक्सर बचपन में साथियो के साथ दोहराया करते थे क्यों न आज यहाँ भी दोहराये देखे क्या हम आज भी कर सकते हे। क्या ? कच्चा पापड़, पक्का पापड़, सबसे ज़्यादा फेमस और हमारे दिल के सबसे...
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