
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर 5 सितम्बर को गणेश जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस वर्ष भगवान गणेश का जन्माभिषेक दुरुधरा महायोग में किया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार पांच ग्रहों का दुरुधरा महायोग पिछले सौ वर्षों में नहीं आया। साथ ही अगले पचास वर्ष में भी यह महायोग नहीं आएगा।
यह है दुरुधरा महायोग: पंडित बंशीधर ज्योतिष पंचांग के निर्माता पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि दुरुधरा योग चंद्रमा से बनता हैं। कुंडली में चंद्रमा जिस भाव में होता है, उसके दूसरे व बारहवें भाव में सूर्य को छोड़कर अन्य ग्रह आते हैं तो दुरुधरा योग बनता हैं। गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा तुला राशि में रहेगा।
बुध, गुरु, शुक्र बारहवें भाव व मंगल और शनि द्वितीय भाव में रहेंगे। इस प्रकार पांच ग्रहों से दुरुधरा योग बनेगा। पिछले पचास वर्षों में तीन बार वर्ष 1999, 1959, 1956 में दो-दो ग्रहों से दुरुधरा योग बना है। वृहजातक, सारावली ग्रंथ में इसका विशेष उल्लेख।