
सिख धर्म के चौथे गुरु राम दास जी का जन्म बाबा हरदास मल्ल व माता दया कौर के घर 26 आश्विन कार्तिक वादी 2 संवत 1591 (24 सितंबर 1534) को चूना मंडी लाहौर में हुआ। गुरु राम दास को जेठा नाम से भी पुकारा जाता था।
गुरु राम दास जयंती
साल 2016 में गुरु राम दास जयंती 9 अक्टूबर को मनाई जाएगी। सिख समुदाय के लोग इस जन्मोत्सव को बहुत ही श्रद्धा भाव से मनाते हैं। गुरुद्वारों में गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता, झांकियां निकाली जाती व सामूहिक भोज (लंगर) का आयोजन किया जाता है।
गुरु राम दास जी का जीवन
गुरु हर राय जी ने भाद्रपद शुदि 13 (आश्विन 2) संवत 1631 (1574) को धर्म-गुरु की उपाधि प्राप्त की। राम दास जी का धर्मगुरु संस्कार गुरु अमरदास साहिब जी ने किया। गुर रामदास जी को एक श्रेष्ठ गुरु-भक्त माना जाता है। इन्होंने ही ‘रामदासपुर' की स्थापना की, जिसे आज अमृतसर के नाम से जाना जाता है।
गुरु रामदास जी ने ही हरीमंदिर, अमृतसर सरोवर व लाहौर धर्मशाला की स्थापना कराई थी। साथ ही गुरुवाणी की रचना तथा गुरसिक्खी का प्रचार इनके कार्यकाल में ही हुआ।
गुरु राम दास का उपदेश
* अहंकार का त्याग करो।
* दोनों हाथों की कमाई करके बांट कर खाओ।
* गुरु की सेवा में सद तत्पर रहो।