
बौद्ध दार्शनिक मत
बौद्ध धर्म भारत में शुरु हुए प्रमुख धर्मों में से एक है। महात्मा बुद्ध द्वारा स्थापित इस धर्म की मुख्य विशेषता यह है कि यह लोगों को जीवन जीने के मार्ग दिखाने के साथ उसे अपने मतों द्वारा प्रतिपादित भी करता है। बौद्ध धर्म में दर्शन को बेहद अहम महत्व दिया गया है। बौद्ध धर्म के दार्शनिक मत मनुष्य के जीवन जीने के मार्ग पर आधारित हैं।
बौद्ध धर्म के मुख्य दार्शनिक मत
* कर्म ही सबसे बड़ा है।
* आत्मा जैसी कोई चीज नहीं है, चेतना ही वह वस्तु है जिसे हम आत्मा कहते हैं।
बौद्ध धर्म की मुख्य पुस्तके
बौद्ध धर्म की मुख्य पुस्तकों में सुत्तासार, धम्मपद आदि शामिल हैं। बौद्ध धर्म की कुछ अन्य धार्मिक पुस्तकें निम्न हैं:
* त्रिपिताका या तिपिताका: पाली भाषा में लिखी गई इस किताब को बौद्ध धर्म की सबसे बड़ी पुस्तक माना जाता है।
* अधिधम
* पाली कैनन
* तैशो त्रिपिताका * अजितसेना सुत्र
* क्रांति सुत्र