गणेश जी के 108 नाम इस प्रकार हैंगणेश जी के 108 नाम इस प्रकार हैं
गणेश जी के 108 नाम इस प्रकार हैं 1. बालगणपति: सबसे प्रिय बालक 2. भालचन्द्र: जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो 3. बुद्धिनाथ: बुद्धि के भगवान 4. धूम्रवर्ण: धुंए को उड़ाने वाला 5. एकाक्षर: एकल अक्षर 6. एकदन्त: एक...
View Articleश्रावस्ती बौद्धों का एक धार्मिक स्थली हैश्रावस्ती बौद्धों का एक धार्मिक स्थली है
श्रावस्ती एक धार्मिक स्थली है जो उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। इस नगरी का वर्णन महाभारत में भी मिलता है। राजा श्रावस्त के नाम पर बसी श्रावस्ती बौद्ध एवं जैन दोनों का तीर्थ है। यहाँ भगवान बुद्ध ने कई...
View Articleशांतिनाथ भगवान जी की आरतीशांतिनाथ भगवान जी की आरती
शांतिनाथ भगवान की हम आरती उतारेंगे। आरती उतारेंगे हम आरती उतारेंगे आरती उतारेंगे हम आरती उतारेंगे शांतिाथ भगवान... हस्तिनापुर में जनम लिये हे प्रभु देव करे जयकारा हो । जन्म महोत्सव करें कल्याणक, नाचे...
View Articleजाने गौतम बुद्ध के परिनिर्वाण के बारे मेंजाने गौतम बुद्ध के परिनिर्वाण के...
गौतम बुद्ध की मृत्यु के अवसर पर बौद्ध धर्म के अनुयायी परिनिर्वाण या निर्वाण दिवस मनाते हैं। बौद्ध जातक गौतम बुद्ध की मृत्यु का शोक नहीं मनाते क्योंकि उनका विश्वास हैं कि बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करके...
View Articleभगवान मानव रूप नहीं ले सकतेभगवान मानव रूप नहीं ले सकते
सिख धर्म का अवतारवाद में विश्वास नहीं है। सिख धर्म इस बात का पुरजोर विरोध करता है कि भगवान अवतार लेते हैं या भगवान के कई रूप होते हैं। सिख धर्म की मान्यता है कि भगवान ना तो जीवन लेते हैं और ना मृत्यु...
View Articleजाने सिख धर्म के गुरुनानक देव जी के सिद्धांतजाने सिख धर्म के गुरुनानक देव जी...
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ‘सिख’ समुदाय के प्रथम धर्मगुरु नानक देव का जन्मोत्सव मनाया जाता हैं। सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म रायभोय स्थान पर 15 अप्रैल 1469 को हुआ था लेकिन श्रद्धालु गुरु नानक...
View Articleगुरु हरराय जयंती इसलिए मनाई जाती हैगुरु हरराय जयंती इसलिए मनाई जाती है
सिख धर्म के सातवें गुरु हर राय जी का जन्म बाबा गुरदित्ता व माता निहाल कौर के घर 20 माघ संवत 1686 (26 फरवरी 1630) को कीरतपुर में हुआ। सिख समुदाय के लोग गुरु हर राय जी का जन्मोत्सव बहुत ही श्रद्धा भाव...
View Articleइस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से नौंवा महीना रमज़ान का होता हैइस्लामिक कैलेंडर के...
इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से नौंवा महीना रमज़ान का होता है। इस महीने में मुसलमान लोग रोज़ा रखते हैं और उसके बाद चांद देखकर ईद-उल-फित्र का त्यौहार मनाते हैं। मान्यता है कि रमज़ान के महीने में ही कुरआन...
View Articleकिस देवता के थे कितने और कौन-से पुत्रकिस देवता के थे कितने और कौन-से पुत्र
हिन्दू धर्म में प्राचीनकाल के मानवों में देव (सुर) और दैत्य (असुर) दो तरह के भेद के अलावा और भी कई तरह के भेद थे। जैसे दानव, राक्षस, यक्ष, गंधर्व, अप्सरा, किन्नर, वानर, नाग, किरात, विद्याधर, चारण,...
View Articleसंस्कृति में उपनिषद का स्थान है कुछ ख़ाससंस्कृति में उपनिषद का स्थान है कुछ ख़ास
उपनिषद (रचनाकाल 1000 से 300 ई.पू. लगभग)[1] कुल संख्या 108। भारत का सर्वोच्च मान्यता प्राप्त विभिन्न दर्शनों का संग्रह है। इसे वेदांत भी कहा जाता है। उपनिषद भारत के अनेक दार्शनिकों, जिन्हें ऋषि या मुनि...
View Articleजाने ईसाई धर्म के बारे में कुछ इस तरह भीजाने ईसाई धर्म के बारे में कुछ इस तरह भी
ईसाई धर्म या मसीही धर्म या मसयहयत विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है जिसके ताबईन ईसाई कहलाते हैं। ईसाई धर्म के पैरोकार ईसा मसीह की तालीमात पर अमल करते हैं। ईसाईओं में बहुत से समुदाय हैं मसलन कैथोलिक,...
View Articleसिक्ख धर्म को जाने कुछ इस तरह भीसिक्ख धर्म को जाने कुछ इस तरह भी
सिक्ख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र एवं अनुपम स्थान है। सिक्खों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव सिक्ख धर्म के प्रवर्तक हैं। 'सिक्ख धर्म' की स्थापना 15वीं शताब्दी में भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग...
View Articleजैन धर्म का इतिहासजैन धर्म का इतिहास
दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म जैन धर्म को श्रमणों का धर्म कहा जाता है. जैन धर्म का संस्थापक ऋषभ देव को माना जाता है, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे और भारत के चक्रवर्ती सम्राट भरत के पिता थे. वेदों में...
View Articleकैसे हुई जैन शब्द की उत्पत्तिकैसे हुई जैन शब्द की उत्पत्ति
जैन धर्म के अनुसार सभी तीर्थंकरों ने साधारण मनुष्य के रूप में जन्म लिया और अपनी इंद्रिय और आत्मा पर विजय प्राप्त कर वे तीर्थंकर बने। जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए हैं। तीर्थंकर अर्हंतों में से ही...
View Articleरमज़ान माह का इतिहास, रोज़े में क्या करेंरमज़ान माह का इतिहास, रोज़े में...
इस्लाम धर्म में अच्छा इन्सान बनने के लिए पहले मुसलमान बनना आवश्यक है। अरबी लुगद (डिक्शनरी) के मुताबिक मुसलमान का मतलब होता है 'पक्के ईमान वाला'। मुसलमान बनने के लिए पांच कर्तव्यों का पालन करना जरूरी...
View Articleबौद्ध धर्म के बारे में कुछ खाश बाते जानेबौद्ध धर्म के बारे में कुछ खाश बाते जाने
बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म है। इसके प्रस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध थे। सत्या और अहिंसा के मार्ग को दिखाने वाले भगवान बुद्ध दिव्य आध्यात्मिक विभूतियों में अग्रणी माने जाते हैं। बौद्ध...
View Articleईसाई धर्म के मुख्य तथ्यईसाई धर्म के मुख्य तथ्य
ईसाई धर्म विश्व के प्रमुख धर्मो में से एक है, जिसके अनुयायी ईसाई कहलाते हैं। ईसाई धर्म के पैरोकार ईसा मसीह के उपदेशों का पालन करते हैं। ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह का जन्म रोमन के नजरथ में हुआ था।...
View Articleवृहस्पतिदेव की कहानीवृहस्पतिदेव की कहानी
प्राचीनकाल में एक बहुत ही निर्धन ब्राहमण था. उसके कोई संन्तान न थी. वह नित्य पूजा-पाठ करता, उसकी स्त्री न स्नान करती और न किसी देवता का पूजन करती. इस कारण ब्राहमण देवता बहुत दुखी रहते थे. भगवान की...
View Articleबौद्ध धर्म में शामिल है यह चीज़बौद्ध धर्म में शामिल है यह चीज़
बौद्ध धर्म को समझने के लिए इस धर्म के मुख्य सिद्धांतों को समझना बेहद जरूरी है। गौतम बुद्ध द्वारा स्थापित बौद्ध धर्म व्यवहार, आदर्श और बेहतर मानव जीवन की और अग्रसर रहता है। बौद्ध धर्म जिन चार मुख्य...
View Articleसिख धर्म भी गृहस्थ जीवन को देता है बढ़ावासिख धर्म भी गृहस्थ जीवन को देता है बढ़ावा
सिख धर्म के प्रमुख तत्वों में से एक है सामान्य गृहस्थ जीवन को बढ़ावा देना। चूंकि सिख समाज अंधविश्वासों और संत आदि से दूर रहता है इसलिए इस धर्म में संन्यासी जीवन को प्रधानता नहीं दी जाती है। कर्म के साथ...
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