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महाभारत कथा सत युग में क्यों बढ़ जाती हैं क्षमताएंमहाभारत कथा सत युग में क्यों...

अगर हॉल में अंधेरा है और मैं बत्ती जलाता हूं तो मैं प्रकाश अंधेरे को नष्ट करता है। मूर्ख विद्वानों या शोषकों ने इसके पीछे छुपे संकेत को समझे बिना इसका अर्थ लगा लिया। इसका अर्थ सांकेतिक है। जैसे सौर...

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हिमालय निरन्तर ऊर्जा से सराबोर हैहिमालय निरन्तर ऊर्जा से सराबोर है

इंसान और हिमालय में काफी समानताएं हैं। सबसे बड़ी समानता है, अपने चरम को पाने की ललक की। यही कोशिश इनके जीवन में तमाम उथल-पुथल और भूचाल लाती है, फिर भी ये दोनों अपनी चाह नहीं छोड़ते। यही चीज दोनों को...

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जीसस क्राइस्ट एक प्रेम भरी सम्भावनाजीसस क्राइस्ट एक प्रेम भरी सम्भावना

ईसामसीह और ईसाई धर्म लगभग पर्यायवाची हैं। मगर ‘ईश्वर के पुत्र’ के नाम पर, क्या हम उस असाधारण मानवता का मूलतत्व खो बैठे हैं, जिसके प्रतीक ईसामसीह थे। क्रिसमस के मौके पर सद्‌गुरु हमें याद दिला रहे हैं...

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नाम के आधार पर ही जातक का भविष्यफल बताया जाता हैनाम के आधार पर ही जातक का...

नाम किसी मनुष्य की भौतिक पहचान के साथ-साथ उसके आंतरिक गुणों और व्यवहार आदि का भी वर्णन करता है। हिन्दू धर्म में नाम रखते समय ग्रहों आदि की चाल का विशेष ख्याल रखा जाता है, ताकि जातक का नाम उसके स्वभाव...

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जानें देवता यमराजजी का चौंकाने वाला रहस्यजानें देवता यमराजजी का चौंकाने वाला...

कहते हैं कि विधाता लिखता है, चित्रगुप्त बांचता है, यमदूत पकड़कर लाते हैं और यमराज दंड देते हैं। मृत्य का समय ही नहीं, स्थान भी निश्चित है जिसे कोई टाल नहीं सकता। हिन्दू धर्म में तीन देवताओं को दंड...

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हे माँ तुझे सलाम मेरी माँ को प्रणामहे माँ तुझे सलाम मेरी माँ को प्रणाम

मेरी माँ तुमने मेरे लिए बहुत कुछ किया, जिसे मै आज तक समझ न पाया। पुरुष वैसे भी स्त्री को समझने में असमर्थ हैं। मैं तुम्हारी सातवीं संतान था, तुम्हें मेरे जन्म पर भी बहुत पीड़ा हुई, उस पर भी मेरे जन्म...

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हमारे शरीर और उसमें निहित चेतना का चमत्कारहमारे शरीर और उसमें निहित चेतना का...

हमारा शरीर एक अद्भुत संयंत्र है जो महच्चेतना की एक अनुपम सृष्टि है। मनुष्य द्वारा निर्मित कोई भी सयंत्र, यहाँ तक कि अत्याधुनिक सुपर कम्प्यूटर भी, इसकी तुलना में अत्यंत तुच्छ है। भौतिक संयंत्र को बाहरी...

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सैन्नी एवं स्नोवा का आत्म खोजी उपन्याससैन्नी एवं स्नोवा का आत्म खोजी उपन्यास

देह गगन के सात समंदर वैसे एक कथ्य व शैली के हिसाब से उपन्यास है लेकिन वास्तव में यह एक आधुनिक उपनिषद की तरह है ।यह उपन्यास नहीं बल्कि जीवन शास्त्र है । इसमें स्वयं की खोज एवं स्वयं को पाने का वृतान्त...

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स्वयं को जगाने हेतु ओम साधना करेंस्वयं को जगाने हेतु ओम साधना करें

प्राचीन काल से ओम का जाप किया जाता रहा है । सभी सनातन धर्मो में इसको प्रमुखता दी है। ओम का उच्चारण होश के साथ करने से भीतरी यात्रा करने में मदद मिलती है।शरीर में होने वाली हलचलों पर ध्यान जाता है साथ...

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विज्ञान की नज़र से क्या पुनर्जन्म होता है?विज्ञान की नज़र से क्या पुनर्जन्म...

पुनर्जन्म आज एक धार्मिक सिद्धान्त मात्र नहीं है। इस पर विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों एवं परामनोवैज्ञानिक शोध संस्थानों में ठोस कार्य हुआ है। वर्तमान में यह अंधविश्वास नहीं बल्कि वैज्ञानिक तथ्य के रुप...

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मरने के बाद हमारा क्या होता है ?मरने के बाद हमारा क्या होता है ?

जीव अमर है। उसकी मृत्यु का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। अविनाशी आत्मा सदा से है और सदा तक रहेगा। शरीर की मृत्यु को हम लोग अपनी मृत्यु मानते हैं, बस इसीलिए डरते और भयभीत होते हैं। यदि अन्तःकरण को...

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गणेश जी के 108 नाम इस प्रकार हैंगणेश जी के 108 नाम इस प्रकार हैं

गणेश जी के 108 नाम इस प्रकार हैं 1. बालगणपति: सबसे प्रिय बालक 2. भालचन्द्र: जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो 3. बुद्धिनाथ: बुद्धि के भगवान 4. धूम्रवर्ण: धुंए को उड़ाने वाला 5. एकाक्षर: एकल अक्षर 6. एकदन्त: एक...

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श्रावस्ती बौद्धों का एक धार्मिक स्थली हैश्रावस्ती बौद्धों का एक धार्मिक स्थली है

श्रावस्ती एक धार्मिक स्थली है जो उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। इस नगरी का वर्णन महाभारत में भी मिलता है। राजा श्रावस्त के नाम पर बसी श्रावस्ती बौद्ध एवं जैन दोनों का तीर्थ है। यहाँ भगवान बुद्ध ने कई...

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शांतिनाथ भगवान जी की आरतीशांतिनाथ भगवान जी की आरती

शांतिनाथ भगवान की हम आरती उतारेंगे। आरती उतारेंगे हम आरती उतारेंगे  आरती उतारेंगे हम आरती उतारेंगे शांतिाथ भगवान... हस्तिनापुर में जनम लिये हे प्रभु देव करे जयकारा हो । जन्म महोत्सव करें कल्याणक, नाचे...

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जाने गौतम बुद्ध के परिनिर्वाण के बारे मेंजाने गौतम बुद्ध के परिनिर्वाण के...

गौतम बुद्ध की मृत्यु के अवसर पर बौद्ध धर्म के अनुयायी परिनिर्वाण या निर्वाण दिवस मनाते हैं। बौद्ध जातक गौतम बुद्ध की मृत्यु का शोक नहीं मनाते क्योंकि उनका विश्वास हैं कि बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करके...

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भगवान मानव रूप नहीं ले सकतेभगवान मानव रूप नहीं ले सकते

सिख धर्म का अवतारवाद में विश्वास नहीं है। सिख धर्म इस बात का पुरजोर विरोध करता है कि भगवान अवतार लेते हैं या भगवान के कई रूप होते हैं। सिख धर्म की मान्यता है कि भगवान ना तो जीवन लेते हैं और ना मृत्यु...

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जाने सिख धर्म के गुरुनानक देव जी के सिद्धांतजाने सिख धर्म के गुरुनानक देव जी...

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ‘सिख’ समुदाय के प्रथम धर्मगुरु नानक देव का जन्मोत्सव मनाया जाता हैं। सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म रायभोय स्थान पर 15 अप्रैल 1469 को हुआ था लेकिन श्रद्धालु गुरु नानक...

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गुरु हरराय जयंती इसलिए मनाई जाती हैगुरु हरराय जयंती इसलिए मनाई जाती है

सिख धर्म के सातवें गुरु हर राय जी का जन्म बाबा गुरदित्ता व माता निहाल कौर के घर 20 माघ संवत 1686 (26 फरवरी 1630) को कीरतपुर में हुआ। सिख समुदाय के लोग गुरु हर राय जी का जन्मोत्सव बहुत ही श्रद्धा भाव...

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इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से नौंवा महीना रमज़ान का होता हैइस्लामिक कैलेंडर के...

इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से नौंवा महीना रमज़ान का होता है। इस महीने में मुसलमान लोग रोज़ा रखते हैं और उसके बाद चांद देखकर ईद-उल-फित्र का त्यौहार मनाते हैं। मान्यता है कि रमज़ान के महीने में ही कुरआन...

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किस देवता के थे कितने और कौन-से पुत्रकिस देवता के थे कितने और कौन-से पुत्र

हिन्दू धर्म में प्राचीनकाल के मानवों में देव (सुर) और दैत्य (असुर) दो तरह के भेद के अलावा  और भी कई तरह के भेद थे। जैसे दानव, राक्षस, यक्ष, गंधर्व, अप्सरा, किन्नर, वानर, नाग, किरात, विद्याधर, चारण,...

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