जानें देवता यमराजजी का चौंकाने वाला रहस्यजानें देवता यमराजजी का चौंकाने वाला...
कहते हैं कि विधाता लिखता है, चित्रगुप्त बांचता है, यमदूत पकड़कर लाते हैं और यमराज दंड देते हैं। मृत्य का समय ही नहीं, स्थान भी निश्चित है जिसे कोई टाल नहीं सकता। हिन्दू धर्म में तीन देवताओं को दंड...
View Articleहे माँ तुझे सलाम मेरी माँ को प्रणामहे माँ तुझे सलाम मेरी माँ को प्रणाम
मेरी माँ तुमने मेरे लिए बहुत कुछ किया, जिसे मै आज तक समझ न पाया। पुरुष वैसे भी स्त्री को समझने में असमर्थ हैं। मैं तुम्हारी सातवीं संतान था, तुम्हें मेरे जन्म पर भी बहुत पीड़ा हुई, उस पर भी मेरे जन्म...
View Articleहमारे शरीर और उसमें निहित चेतना का चमत्कारहमारे शरीर और उसमें निहित चेतना का...
हमारा शरीर एक अद्भुत संयंत्र है जो महच्चेतना की एक अनुपम सृष्टि है। मनुष्य द्वारा निर्मित कोई भी सयंत्र, यहाँ तक कि अत्याधुनिक सुपर कम्प्यूटर भी, इसकी तुलना में अत्यंत तुच्छ है। भौतिक संयंत्र को बाहरी...
View Articleसैन्नी एवं स्नोवा का आत्म खोजी उपन्याससैन्नी एवं स्नोवा का आत्म खोजी उपन्यास
देह गगन के सात समंदर वैसे एक कथ्य व शैली के हिसाब से उपन्यास है लेकिन वास्तव में यह एक आधुनिक उपनिषद की तरह है ।यह उपन्यास नहीं बल्कि जीवन शास्त्र है । इसमें स्वयं की खोज एवं स्वयं को पाने का वृतान्त...
View Articleस्वयं को जगाने हेतु ओम साधना करेंस्वयं को जगाने हेतु ओम साधना करें
प्राचीन काल से ओम का जाप किया जाता रहा है । सभी सनातन धर्मो में इसको प्रमुखता दी है। ओम का उच्चारण होश के साथ करने से भीतरी यात्रा करने में मदद मिलती है।शरीर में होने वाली हलचलों पर ध्यान जाता है साथ...
View Articleविज्ञान की नज़र से क्या पुनर्जन्म होता है?विज्ञान की नज़र से क्या पुनर्जन्म...
पुनर्जन्म आज एक धार्मिक सिद्धान्त मात्र नहीं है। इस पर विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों एवं परामनोवैज्ञानिक शोध संस्थानों में ठोस कार्य हुआ है। वर्तमान में यह अंधविश्वास नहीं बल्कि वैज्ञानिक तथ्य के रुप...
View Articleमरने के बाद हमारा क्या होता है ?मरने के बाद हमारा क्या होता है ?
जीव अमर है। उसकी मृत्यु का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। अविनाशी आत्मा सदा से है और सदा तक रहेगा। शरीर की मृत्यु को हम लोग अपनी मृत्यु मानते हैं, बस इसीलिए डरते और भयभीत होते हैं। यदि अन्तःकरण को...
View Articleगणेश जी के 108 नाम इस प्रकार हैंगणेश जी के 108 नाम इस प्रकार हैं
गणेश जी के 108 नाम इस प्रकार हैं 1. बालगणपति: सबसे प्रिय बालक 2. भालचन्द्र: जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो 3. बुद्धिनाथ: बुद्धि के भगवान 4. धूम्रवर्ण: धुंए को उड़ाने वाला 5. एकाक्षर: एकल अक्षर 6. एकदन्त: एक...
View Articleश्रावस्ती बौद्धों का एक धार्मिक स्थली हैश्रावस्ती बौद्धों का एक धार्मिक स्थली है
श्रावस्ती एक धार्मिक स्थली है जो उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। इस नगरी का वर्णन महाभारत में भी मिलता है। राजा श्रावस्त के नाम पर बसी श्रावस्ती बौद्ध एवं जैन दोनों का तीर्थ है। यहाँ भगवान बुद्ध ने कई...
View Articleशांतिनाथ भगवान जी की आरतीशांतिनाथ भगवान जी की आरती
शांतिनाथ भगवान की हम आरती उतारेंगे। आरती उतारेंगे हम आरती उतारेंगे आरती उतारेंगे हम आरती उतारेंगे शांतिाथ भगवान... हस्तिनापुर में जनम लिये हे प्रभु देव करे जयकारा हो । जन्म महोत्सव करें कल्याणक, नाचे...
View Articleजाने गौतम बुद्ध के परिनिर्वाण के बारे मेंजाने गौतम बुद्ध के परिनिर्वाण के...
गौतम बुद्ध की मृत्यु के अवसर पर बौद्ध धर्म के अनुयायी परिनिर्वाण या निर्वाण दिवस मनाते हैं। बौद्ध जातक गौतम बुद्ध की मृत्यु का शोक नहीं मनाते क्योंकि उनका विश्वास हैं कि बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करके...
View Articleभगवान मानव रूप नहीं ले सकतेभगवान मानव रूप नहीं ले सकते
सिख धर्म का अवतारवाद में विश्वास नहीं है। सिख धर्म इस बात का पुरजोर विरोध करता है कि भगवान अवतार लेते हैं या भगवान के कई रूप होते हैं। सिख धर्म की मान्यता है कि भगवान ना तो जीवन लेते हैं और ना मृत्यु...
View Articleजाने सिख धर्म के गुरुनानक देव जी के सिद्धांतजाने सिख धर्म के गुरुनानक देव जी...
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ‘सिख’ समुदाय के प्रथम धर्मगुरु नानक देव का जन्मोत्सव मनाया जाता हैं। सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म रायभोय स्थान पर 15 अप्रैल 1469 को हुआ था लेकिन श्रद्धालु गुरु नानक...
View Articleगुरु हरराय जयंती इसलिए मनाई जाती हैगुरु हरराय जयंती इसलिए मनाई जाती है
सिख धर्म के सातवें गुरु हर राय जी का जन्म बाबा गुरदित्ता व माता निहाल कौर के घर 20 माघ संवत 1686 (26 फरवरी 1630) को कीरतपुर में हुआ। सिख समुदाय के लोग गुरु हर राय जी का जन्मोत्सव बहुत ही श्रद्धा भाव...
View Articleइस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से नौंवा महीना रमज़ान का होता हैइस्लामिक कैलेंडर के...
इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से नौंवा महीना रमज़ान का होता है। इस महीने में मुसलमान लोग रोज़ा रखते हैं और उसके बाद चांद देखकर ईद-उल-फित्र का त्यौहार मनाते हैं। मान्यता है कि रमज़ान के महीने में ही कुरआन...
View Articleकिस देवता के थे कितने और कौन-से पुत्रकिस देवता के थे कितने और कौन-से पुत्र
हिन्दू धर्म में प्राचीनकाल के मानवों में देव (सुर) और दैत्य (असुर) दो तरह के भेद के अलावा और भी कई तरह के भेद थे। जैसे दानव, राक्षस, यक्ष, गंधर्व, अप्सरा, किन्नर, वानर, नाग, किरात, विद्याधर, चारण,...
View Articleसंस्कृति में उपनिषद का स्थान है कुछ ख़ाससंस्कृति में उपनिषद का स्थान है कुछ ख़ास
उपनिषद (रचनाकाल 1000 से 300 ई.पू. लगभग)[1] कुल संख्या 108। भारत का सर्वोच्च मान्यता प्राप्त विभिन्न दर्शनों का संग्रह है। इसे वेदांत भी कहा जाता है। उपनिषद भारत के अनेक दार्शनिकों, जिन्हें ऋषि या मुनि...
View Articleजाने ईसाई धर्म के बारे में कुछ इस तरह भीजाने ईसाई धर्म के बारे में कुछ इस तरह भी
ईसाई धर्म या मसीही धर्म या मसयहयत विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है जिसके ताबईन ईसाई कहलाते हैं। ईसाई धर्म के पैरोकार ईसा मसीह की तालीमात पर अमल करते हैं। ईसाईओं में बहुत से समुदाय हैं मसलन कैथोलिक,...
View Articleसिक्ख धर्म को जाने कुछ इस तरह भीसिक्ख धर्म को जाने कुछ इस तरह भी
सिक्ख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र एवं अनुपम स्थान है। सिक्खों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव सिक्ख धर्म के प्रवर्तक हैं। 'सिक्ख धर्म' की स्थापना 15वीं शताब्दी में भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग...
View Articleजैन धर्म का इतिहासजैन धर्म का इतिहास
दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म जैन धर्म को श्रमणों का धर्म कहा जाता है. जैन धर्म का संस्थापक ऋषभ देव को माना जाता है, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे और भारत के चक्रवर्ती सम्राट भरत के पिता थे. वेदों में...
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