श्री बृहस्पतिवार की आरतीश्री बृहस्पतिवार की आरती
जय-जय आरती राम तुम्हारी, राम दयालु भक्त हितकारी। जनहित प्रगटे हरि ब्रजधारी, जन प्रह्लाद, प्रतिज्ञा पाली। द्रुपदसुता को चीर बढ़ायो, गज के काज पयादे धायो। दस सिर बीस भुज तोरे, तैंतीस कोटि देव बंदि छोरे...
View Articleगुरूवार का पवित्र दिन भगवान विष्णु जी का होता हैगुरूवार का पवित्र दिन भगवान...
बृहस्पतिवार के दिन विष्णु जी की पूजा होती है। यह व्रत करने से बृहस्पति देवता प्रसन्न होते हैं। स्त्रियों के लिए यह व्रत फलदायी माना गया है। अग्निपुराण के अनुसार अनुराधा नक्षत्र युक्त गुरुवार से आरंभ...
View Articleबड़ा गुम्बद को इस्लाम धर्म का अहम धार्मिक स्थान माना जाता हैबड़ा गुम्बद को...
बड़ा गुम्बद, दक्षिणी दिल्ली के लोदी गार्डन में स्थित है। लोदी गार्डन का पुराना नाम ओल्ड लेडी वैलिन्गटन पार्क है। लोदी गार्डन सैयद और सुल्तान लोदी के समय के स्मारक हैं। इस गार्डन में बड़ा गुम्बद समेत कई...
View Articleशुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत-पूजन किया जाता हैशुक्रवार के दिन मां...
शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत-पूजन किया जाता है। इस पूजा के अंत में माता की कथा सुनी जाती है। संतोषी माता और शुक्रवार व्रत की कथा निम्न है: संतोषी माता व्रत कथा एक बुढ़िया थी, उसके सात बेटे थे। 6...
View Articleब्रहमांड में ‘ऊँ’ ध्वनि देती है सुनाईब्रहमांड में ‘ऊँ’ ध्वनि देती है सुनाई
कभी आपने गौर किया है कि हर मंत्र में या ज़्यादातर मंत्रों में ‘ऊँ’ का इस्तेमाल होता है. आखिर क्या है इस शब्द में? वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ब्रहमांड में ‘ऊँ’ ध्वनि सुनाई देती है. कुछ तो ख़ास है इसमें,...
View Articleधर्मग्रन्थों में नाग को देवता माना गया हैधर्मग्रन्थों में नाग को देवता माना...
धर्मग्रन्थों में नाग को देवता माना गया है और इनका विभिन्न जगहों पर उल्लेख भी किया गया है। हिन्दू धर्म में कालिया, शेषनाग, कद्रू (साँपों की माता) पिलीवा आदि बहुत प्रसिद्ध हैं। कथाओं के अनुसार दक्ष...
View Articleदूसरे की निंदा कर अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने का प्रयास अनुचितदूसरे की निंदा कर अपनी...
सामान्य मनुष्य की इंद्रियां अपने समक्ष घटित दृश्य, उपस्थित वस्तु तथा व्यक्ति के साथ ही स्वयं से जुड़े विषय पर ही केंद्रित रहती है। ज्ञान के अभाव में मनुष्य सहजता से बहिर्मुखी रहता है जिस कारण उसे जल्दी...
View Articleरूमी एक अनोखे सूफी संत थेरूमी एक अनोखे सूफी संत थे
धार्मिक विद्वान जलालुद्दीन रूमी, दुनिया के जाने-माने कवि और सूफी संत बनने से पहले अपने अंदर एक ऐसे खालीपन के एहसास से जूझ रहे थे, जो बयान नहीं किया जा सकता। हालांकि रूमी के हजारों प्रशंसक और शिष्य थे,...
View Articleडर लगता है आखिर क्योंडर लगता है आखिर क्यों
तुम्हें अपने भय तथा असुरक्षा को छोड़ना नहीं है, क्योंकि वास्तव में उनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। तुम तो उन्हें अचेतन में निर्मित किए जा रहे हो। अगर तुम उन्हें निर्मित नहीं करते हो, तो वास्तव में उनका...
View Articleकहीं आप अकेले रहना तो नहीं चाहतेकहीं आप अकेले रहना तो नहीं चाहते
अगर आप अकेले रहना चाहते, तो कोई भी आपको नहीं रोकता लेकिन जब आपकी शादी हो गई और उसके बाद आप अकेले रहना चाहते हैं, तो यह एक समस्या है। आपके बच्चे हो गए और आप अकेले रहना चाहते हैं, तो यह एक बड़ी समस्या...
View Articleमंसूर अल-हलाज आखिर क्यों कहता था की मैं खुदा हूँमंसूर अल-हलाज आखिर क्यों कहता...
मंसूर अल-हलाज सूफीवाद के सबसे विवादास्पद व्यक्तियों में से एक थे। उन्होंने दावा किया था ‘मैं ही सत्य हूं’ जिसे धर्म विरोधी माना गया और इस कारण उन्हें पचपन साल की उम्र में बड़ी बेरहमी के साथ मौत की सजा...
View Articleमहाभारत कथा भीष्म ने किया राजकुमारियों का अपहरणमहाभारत कथा भीष्म ने किया...
शांतनु और सत्यवती के दो बच्चे हुए। बड़े पुत्र का नाम चित्रांगद और दूसरे का विचित्रवीर्य पड़ा। चित्रांगद एक अहंकारी युवक था। एक दिन वह वन में गया। एक गंधर्व, जो असाधारण क्षमताओं वाला प्राणी होता है,...
View Articleमहाभारत कथा : क्यों आकर्षित हुए शांतनु सत्यवती की ओरमहाभारत कथा : क्यों...
तब तक, मत्स्यगंधी एक सांवली-सलोनी युवती बन चुकी थी। मछुआरों के मुखिया दासा ने उसकी अच्छी देखभाल की थी। वह नाव में लोगों को यमुना नदी पार कराती थी। एक दिन पाराशर ऋषि यमुना नदी के तट पर आए। उन्हें नाव...
View Articleमीरा के लिए कृष्ण भ्रम नहीं हकीकत थेमीरा के लिए कृष्ण भ्रम नहीं हकीकत थे
मीराबाई के बालमन में कृष्ण की ऐसी छवि बसी थी कि किशोरावस्था से लेकर मृत्यु तक उन्होंने कृष्ण को ही अपना सब कुछ माना। जोधपुर के राठौड़ रतनसिंह जी की इकलौती पुत्री मीराबाई का जन्म सोलहवीं शताब्दी में हुआ...
View Articleमानव जीवन के लिए ज्ञान गंगा : सार्थक कर्म का येमानव जीवन के लिए ज्ञान गंगा :...
मानव जीवन में कर्म तो अहम हैं पर कर्मों की भी सार्थकता जरूरी हैं जो मानव को प्रगति के पथ का दर्शन कराती हैं .प्रत्येक व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में वैसे तो कई प्रकार के कार्यों का निष्पादन करना होता...
View Articleगणपती का पेट या कुबेर का धन कौन बड़ा हैगणपती का पेट या कुबेर का धन कौन बड़ा है
पार्वती से विवाह करने के बाद शिव उनके साथ कभी-कभार ही रहते थे। कई बार ऐसा लगता था कि वह गृहस्वामी हैं, तो कई बार वह एक तपस्वी की तरह व्यवहार करने लगते थे। कुछ समय के लिए वह पार्वती के साथ रहते और फिर...
View Articleशिव के गण और गणपतीशिव के गण और गणपती
शिव के गणों को लेकर यौगिक गाथाओं में यह कहा गया है कि गण शिव के मित्र थे। ये वे लोग थे जो हमेशा शिव के आस पास रहते थे। हालांकि शिव के साथ उनके शिष्य थे, पत्नी थीं और कई सारे प्रशंसक भी होते थे – लेकिन...
View Articleमानसरोवर रहस्यों से लबालब एक झीलमानसरोवर रहस्यों से लबालब एक झील
बचपन से ही मैंने यक्ष, गण और देवताओं के बारे में हर तरह की कहानियां सुनी हैं। मुझे उन्हें सुनने में भरपूर आनंद तो आता था, लेकिन उन पर भरोसा नहीं होता था। लेकिन जब मैं पहली बार मानसरोवर गया, तो वहां...
View Articleपार्वती और शिव के विवाह की कथापार्वती और शिव के विवाह की कथा
जब शिव और पार्वती का विवाह होने वाला था, तो एक बड़ी सुंदर घटना हुई। उनकी शादी बहुत ही भव्य पैमाने पर हो रही थी। इससे पहले ऐसी शादी कभी नहीं हुई थी। शिव – जो दुनिया के सबसे तेजस्वी प्राणी है – एक...
View Articleकिसने किया था भीष्म पितामह का संहारकिसने किया था भीष्म पितामह का संहार
अम्बा की निराशा, हताशा में बदल गई, हताशा गुस्से में, गुस्सा तीव्र क्रोध में और फिर उसका तीव्र क्रोध, प्रतिशोध की प्यास में बदल गया। वह जगह-जगह जाकर कहने लगी, ‘इस इंसान ने मेरा जीवन बर्बाद कर दिया।...
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