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आखिर क्यों नहीं है अक्षय तृतीया पर वैवाहिक आयोजन?आखिर क्यों नहीं है अक्षय तृतीया पर वैवाहिक आयोजन?

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इंदौर: आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर आप किसी न किसी वैवाहिक समारोह में व्यस्त होते हैं लेकिन इस बार न तो आपको मंडप के दर्शन हो रहे हैं और न ही रिसेप्शन में लगे तंदूर की रोटी आपके मुंह का निवाला बन रही है|

दरअसल इस बार शुक्र ग्रह अस्त हो गए हैं. शुक्र का ज्योतिषीय मान्यता में बड़ा महत्व है, मान्यता के अनुसार ये दैत्यों के गुरू हैं लेकिन शुभ कार्य इनके बिना पूर्ण भी नहीं हो सकते हैं. इन्हें काम, प्रेम, दांपत्य का ग्रह माना जाता है। 

मगर इस बार ये अस्त र्हैं. ऐसे में अक्षय सौभाग्य की कामना से अक्षय तृतीया पर विवाह बंधन में बंधने वाले इस बार विवाह के लिए इस तिथि का लाभ नहीं ले पाऐंगे. शुक्र 30 अप्रैल से पश्चिम में अस्त हुए हैं. अब ये 6 जुलाई को ही दर्शन देंगे अर्थात् उदित होंगे. शुक्र अस्त होने पर दांपत्य जीवन में कष्ट भी आ सकते हैं. जिसके कारण इनका उदित होना जरूरी होता है।


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