
जीव के जन्म से पहले ही उसका जन्म और मरण फिक्स हो जाता है.कि कब,कितने वक्त उसका जन्म और मौत होगी जन्म होने की तो लोगों को ख़ुशी होती है.पर मौत को लेकर लोग हमेशा चिंतित से रहते हैं। हर एक समस्या का कोई न कोई समाधान तो अवश्य होता है.पर मौत का नहीं भले ही आज इस युग में कितनी नई नई तकनीकी खोज निकाली है.पर मौत एक ऐसी है जिसे न कोई रोक पाया है न ही रोक पायेगा .मौत को वश में कर पाना मुमकिन नहीं है।
हमारे धर्म शास्त्रों में कुछ ऐसी बातें है जो मानव को उसके जीवन और मृत्यु से अवगत कराती है .भगवान शंकर से संबंधित शिवपुराण में ऐसी कई बातें बताई गई हैं. जो मौत के आने के संकेतों की ओर इशारा करती हैं.धर्म शास्त्र में भगवान शिव ने माता पार्वती को यह बताया था की मृत्यु कैसे आती है? उसके आने का आभास कैसा है? तमाम बातों से अवगत कराया था .
अब आप उन्ही बताये गए तथ्यों के आधार पर मौत आने के समय को जान सकते है .
1- धर्म ग्रन्थ शिवपुराण से मिली जानकारी के मुताबिक़ बताया जाता है की जिस भी मनुष्य को ग्रहों के दर्शन होने पर भी दिशाओं से अनभिज्ञ रहे उसके मन में बैचेनी छाई हो तो उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने के अंदर हो जाती है।
2- कहा गया है की जिस भी मानव के चारो और अचानक नीले रंग की मक्खियां आकर अपना घेरा बनाएं और उसके समीप मड़राना शुरू कर दें तो मानों अब उसकी आयु एक महीना ही शेष बची है
3-इस शिवपुराण में एक और ऐसी बात कहा गयी है कि जिस मनुष्य के सिर पर गिद्ध, कौवा आकर बैठ जाए,वह एक महीने के भीतर ही मृत्यु को प्राप्त करता है .
अब बात शारीरिक दृष्टिकोण की -
- यदि अचानक किसी भी व्यक्ति का शरीर एकदम सफेद या पीला पड़ने लगे और एकदम डार्क लाल निशान दिखाई दें तो समझना चाहिए कि उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाएगी .
ये तीन दोष वात,पित्त,कफ में जिसकी नाक बहने लगे,उसका जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता। यदि किसी व्यक्ति के मुंह और कंठ बार-बार सूखने लगे तो यह जानना चाहिए कि 6 महीने में उसकी आयु समाप्त हो जाएगी।
4- कहा गया है की जिस मानव को गृह चंद्रमा व सूर्य के आस-पास का चमकीला घेरा काला या लाल दिखाई दे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 15 दिन के अंदर हो जाती है।
5- त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) में जिसकी नाक बहने लगे, उसका जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता। यदि किसी व्यक्ति के मुंह और कंठ बार-बार सूखने लगे तो यह जानना चाहिए कि 6 महीने बीत-बीतते उसकी आयु समाप्त हो जाएगी।
6- बताया गया है की जब किसी व्यक्ति को जल, में अपनी परछाई न दिखाई दे, तो समझना चाहिए कि उसकी आयु 6 माह से अधिक नहीं है।
7- जब किसी मानव का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक फड़कना शुरू कर दे तब मानों उसका जीवन एक मास ही शेष है,ऐसा जानना चाहिए। जब सारे अंगों में अंगड़ाई आने लगे और तालू सूख जाए,तब वह मनुष्य एक मास तक ही जीवित रहता है।
शिवपुराण में एक और भी बात को बताया गया है. कि जिस व्यक्ति को अग्नि का प्रकाश ठीक से दिखाई न दे और चारों ओर अन्धकार ही अन्धकार दिखाई देनें लगे तो अब मानो उसका जीवन भी 6 महीने के भीतर समाप्त हो जाएगा .
इस ग्रन्थ में तमाम बातें सामने आती है .पर इनके होने के बाद भी कुछ न कुछ निवारण है.