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माँ बेटी का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता जो हमें भी कुछ सिखातामाँ बेटी का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता जो हमें भी कुछ सिखाता

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इस जगत में माँ के जैसा पावन , पवित्र , दयालु , ममतामई  और कोई नहीं, कहते है कि  जब एक औरत माँ बनती है. तब वह संपूर्ण हो जाती है वह इतनी खुश होती है. उसे लगता है कि मेने इस संसार की सबसे बड़ी खुशी हासिल कर ली है. उसके अंदर यह भेद भाव नहीं होता की मेने बेटे को या बेटी को जन्म दिया है. यहीं उसके निर्मल भाव की पुष्टि हो जाती है. बच्चे को जन्म देना चाहे वह बेटा हो या  बेटी सब में एक सी खुशी का अनुभव करती है । इस संसार सागर में माँ और बच्चे का रिश्ता दुनियाँ के सभी रिश्तों से विशिष्ट और पवित्र रिश्ता है। 

आज इस दुनियाँ में लोग कितने भी पढ़ लिख गए पर बहुत से लोग आज भी ऐसे है. जिनकी भावनाएं बिलकुल गलत है. यदि उनके घर बिटिया का जन्म हुआ तो वे नाखुश से रहते है. जो बहुत की गलत है. अरे वे ये नहीं जानते की बड़े ही भाग्य से तुमने बिटिया को पाया जो आपका अनमोल रत्न है .माँ की  कोख से जिस दिन एक नन्ही परी  जन्म लेती है. तो एक औरत खुद पर गर्व महसूस करती है, क्योंकि एक बेटी के रूप में उसने फिर से खुद जन्म लिया। ऐसा उसे आभास होता है. और एक बेटी के रूप में वो अपना बचपन फिर से जीती है। संतान असीम संभावनाओं का मानचित्र खींचती है. जीवन में अनेक सपनों को जन्म देती है...जो बहुत ही सुंदर और मन में स्फूर्ति भरने वाले होते हैं। 

माँ के समीप जब वो नन्ही परी चलना शुरू करती है, बात करे की कोशिश करती है , मुस्कराती है , शरारतें करती है उस वक्त माँ मन्मुग्ध हो जाती है उसका रोम रोम अपने इस बच्चे के प्रेम के लिए उमड़ने लगता है उस वक्त माँ उस बचे में  अपना बचपन ढूँढती है। माँ और बेटी का रिश्ता दुनिया के सभी रिश्तों से अनमोल रिश्ता है। जैसे आत्मा और परमात्मा  का संबंध वैसे ही माँ और बेटी का संबंध है .   


माँ बेटी का अजब है नाता
जिसमें केवल प्रेम का खाता
सब जग संबंधों से ऊँचा है
ये माँ बेटी का रिश्ता नाता
जिसको माँ ने गोद खिलाया
उसने माँ का कर्ज चुकाया
अमर प्रेम का रिश्ता है ये
ये माँ बेटी का रिश्ता नाता


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