
सनातन धर्म में नारियल को मंगलसूचक माना गया है। पूजा-पाठ अथवा मांगलिक कामों में शुभता के प्रतीक रूप में नारियल को रखा जाता है। तंत्र शास्त्र में भी इसे नकारात्मक शक्तियों को दूर करने और भाग्य सूचक माना जाता है। नारियल का प्रयोग हिंदू धर्म में प्रत्येक शुभ काम के लिए किया जाता है इसलिए इसे श्रीफल भी कहा जाता है। भगवान को श्रीफल अर्पित करने का तात्पर्य है कि हम भगवान को अपना सिर भेंट कर रहे हैं। नारियल में दो आंखे और एक मुंह होता है। नारियल को तोड़ने का कारण है अनिष्ट शक्तियों के संचार पर अंकुश लगाना। तभी तो नारियल फोडकर स्थान देवता का आवाहन कर वहां की स्थानीय अनिष्ट शक्तियों को नियंत्रित करने की उनसे प्रार्थना की जाती है।
नारियल से होती है पूजा पूर्ण
सनातन धर्म में की जाने वाली कोई भी पूजा या अनुष्ठान नारियल के अभाव में पूर्ण नहीं माना जाता। नारियल को छिलने पर उसमें तीन धारियां पाई जाती हैं लेकिन एक वशिष्ट नारियल में दो धारियां व एक आंख होती है। इस नारियल को महालक्ष्मी का प्रिय एकाक्षी नारियल कहा जाता है। जिस व्यक्ति के पास एकाक्षी नारियल होता है उसके पास महालक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं। चमत्कारी नारियल को तिजोरी में रखने से कभी धन की कमी नहीं होती।
ऐसे करें काली मां को प्रसन्न
काली मां को प्रसन्न करने के लिए लाल रंग के आसन पर महाकाली का स्वरूप, चित्रपट अथवा यन्त्र स्थापित करें। लाल रंग का चन्दन, गुलाब के फूल और धूप दीप से पूजन करने के बाद निम्न मन्त्र का जाप करें। नमः ऐं क्रीं क्रीं कालिकायै स्वाहा। इस मंत्र का सच्चे ह्रदय से नियमित जाप करने से महाकाली भक्त को सपने में दर्शन देती हैं। जब ऐसे दर्शन हो तो घबराएं नहीं और किसी अन्य से स्वप्न की चर्चा भी न करें।
सात्विक बलि से भी होती है मां प्रसन्न
महाकाली पूजन में बली देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। बलि में यह आवश्यक नहीं है कि जीव हत्या ही की जाए। सात्विक बलि से भी मां को प्रसन्न किया जा सकता है। इसके लिए नारियल की बली दी जा सकती है।
टोने- टोटकों में होता लघु नारियल का इस्तेमाल
लघु नारियल आम नारियल से आकार में थोड़ा छोटा होता है। अधिकतर टोने-टोटकों में लघु नारियल का प्रयोग किया जाता है। यदि चिरकाल तक लक्ष्मी को घर में स्थापित करना चाहते हैं अथवा धन, वैभव व समृद्धि की चाह रखते हैं तो 5 लघु नारियल घर के पूजा घर में स्थापित करें, उन पर केसर का तिलक लगाएं और प्रत्येक नारियल पर तिलक करते वक्त 26 बार निम्न लिखित मंत्र का मन ही मन जाप करते रहें।
यह मंत्र है- ऐं ह्लीं श्रीं क्लीं
नारियल से आती है घर में सुख-शांति
11 लघु नारियल नए पीले कपड़े में बांधकर रसोई घर के पूर्वी कोने में बांध दें। इस उपाय से घर में अन्नपूर्णा माता का वास होता है। जिससे अन्न से भंडार भरे रहते हैं। जो जन भगवती अन्नपूर्णा की शरण ग्रहण करता है, उसका घर कभी भी धन-धान्य से वंचित नहीं होता। मां का आशीष सदा उस घर पर बना रहता है। जिससे तिजोरी भरी रहती है और घर में खुशहाली की वर्षा होती है।