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जाने श्री कृष्ण पूजन विधि के बारे मेंजाने श्री कृष्ण पूजन विधि के बारे में

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सामग्री
देव मूर्ति के स्नान के लिए तांबे का पात्र, तांबे का लोटा, जल का कलश, दूध, देव मूर्ति को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र व आभूषण। चावल, कुमकुम, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, फूल, अष्टगंध। तुलसीदल, तिल, जनेऊ। प्रसाद के लिए फल, दूध, मिठाई, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, शक्कर, पान, दक्षिणा में से जो भी हो।

सकंल्प
किसी विशेष मनोकामना के पूरी होने की इच्छा से किए जाने वाले पूजन में संकल्प की जरूरत होती है। निष्काम भक्ति बिना संकल्प के भी की जा सकती है। पूजन शुरू करने से पहले सकंल्प ले। संकल्प करने से पहले हाथों में जल, फूल व चावल लें। सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें। अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें। 

संकल्प का उदाहरण
जैसे 5/9/2015 को श्री कृष्ण का पूजन किया जाना है। तो इस प्रकार संकल्प लें। मैं ( अपना नाम बोलें) विक्रम संवत् 2072 को, भादौ मास के अष्टमी तिथि को, शनिवारी के दिन, रोहणी नक्षत्र में, भारत देश के मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में महाकालेश्वर तीर्थ में इस मनोकामना से (मनोकामना बोलें ) श्री कृष्ण का पूजन कर रही/ रहा हूं।

श्री कृष्ण पूजन की सरल विधि
सर्वप्रथम श्रीगणेश पूजन करें। गणेश जी को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। गंध, पुष्प , धूप ,दीप, अक्षत से पूजन करें। अब श्री कृष्ण का पूजन करें। श्रीकृष्ण को स्नान कराएं। स्नान पहले जल से फिर पंचामृत से और वापिस जल से स्नान कराएं।वस्त्र अर्पित करें। वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं। अब पुष्पमाला पहनाएं। अब तिलक करें।‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’’ मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान श्री कृष्ण को अष्टगंध का तिलक लगाएं। अब धूप व दीप अर्पित करें। फूल अर्पित करें। श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक लगाएं। आरती करें। आरती के पश्चात् परिक्रमा करें। अब नेवैद्य अर्पित करें। फल, मिठाई अर्पित करें। पूजन के समय ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’’ मंत्र का जप करते रहें।


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