Quantcast
Channel: Newstracklive.com | suvichar
Viewing all articles
Browse latest Browse all 13839

इन जगहों पर स्थापित करें गणेश प्रतिमाइन जगहों पर स्थापित करें गणेश प्रतिमा

$
0
0

गणेश चतुर्थी यानी गणेश जन्मोत्सव इस बार 5 सितंबर को है। बाजारों में मूर्ति कलाकार गणपति की खूबसूरत प्रतिमा पर रंग चढ़ाने लगा है। कहीं-कहीं तो प्रतिमाएं बनकर तैयार भी हो चुकी हैं। गणेश जन्मोत्सव पर श्रद्धाभाव के साथ अपने घर या दफ्तर में गणेश जी को विराजित करना चाहिए, लेकिन किस तरह के गणेश जी कहां स्थापित करने से वे ज्यादा प्रसन्न होते हैं ये कम लोग जानते हैं। 

ऐसे में जानते हैं कहां किस तरह के गणेश स्थापित करना चाहिए जिससे गणेश जी की कृपा से घर की सुख-समृद्धि बनी रहे। सुख-समृद्धि के लिए सफेद रंग की प्रतिमा- सुख, शांति, समृद्धि की चाह रखने वालों को सफेद रंग के गणेश जी की प्रतिमा लाना चाहिए। साथ ही, घर में इनका एक स्थाई चित्र भी लगाना चाहिए। सर्व मंगल की कामना करने वालों के लिए सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना अनुकूल रहती है।

घर में पूजा के लिए गणेश जी की प्रतिमा शयन या बैठी मुद्रा में हो तो अधिक शुभ माना जाता है। यदि कला या अन्य शिक्षा के प्रयोजन से पूजन करना हो तो नृत्य गणेश की प्रतिमा लाभकारी है। घर में बैठे हुए और बाएं हाथ के गणेश जी विराजित करना चाहिए।
 
वास्तु दोष में कारगर
यदि घर के मुख्य द्वार पर एकदंत की प्रतिमा या चित्र लगाया गया हो तो उसके दूसरी तरफ ठीक उसी जगह पर दोनों गणेश जी की पीठ मिली रहे इस प्रकार से दूसरी प्रतिमा या चित्र लगाने से वास्तु दोषों का शमन होता है। भवन के जिस भाग में वास्तु दोष हो उस स्थान पर घी मिश्रित सिंदूर से स्वस्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष का प्रभाव कम होता है। स्वस्तिक को गणेश जी का रूप माना जाता है। 

दफ्तर में विराजित करें ऐसी प्रतिमा
दफ्तर या कार्यस्थल पर खड़े हुए गणेश जी की प्रतिमा विराजित करना चाहिए। इससे कार्यस्थल पर स्फूर्ति व काम करने की उमंग बनी रहती है। किसी भी भाग में वक्रतुंड की प्रतिमा या चित्र लगाए जा सकते हैं, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी स्थिति में इनका मुंह दक्षिण दिशा या नैऋय कोण में न हो। गणेश जी की प्रतिमा स्थापना ब्रह्म स्थान यानी केंद्र में करने से विशेष लाभ होता है।
 
इसका रखें विशेष ध्यान
पूजा के लिए रखी गई गणेश जी की प्रतिमा के पास अन्य कोई गणेश प्रतिमा न रखें। एक साथ दो गणेश जी रखने पर रिद्धि-सिद्धि नाराज हो जाती हैं। गणेशजी को हर दिन दूर्वा अर्पित करने से इष्टलाभ की प्राप्ति होती है। दूर्वा चढ़ाकर समृद्धि की कामना से ऊं गंगणपतये नम: का पाठ लाभकारी सिद्ध होता है।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 13839

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>