
हिंदू धर्म में दान का खास महत्व हैं। दान देकर लोग पुण्य कमाते हैं। दान देने से लोगों को धर्म की प्राप्ति होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन्हें दान देना चाहिए और क्या दान देना चाहिए। यानी दान देने से ज्यादा महत्वपूर्ण है किसे और क्या दान करें। हिंदू धर्म के मुताबिक 9 लोगों को भूल से भी कभी दान नहीं देना चाहिए। अगर ऐसे लोगों कतो आप दान देते हैं तो आपको पूण्य की प्राप्ति नहीं होती।
इतनी ही नहीं आपको दान देते वक्त य भी ध्यान रखने की जरुरत है कि आप क्या दान दे रहे हैं। कहने का तात्पर्य ये कि कुछ दान ऐसे होते हैं जो आपको लाभ देने के बजाय हानि देते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताते है कि कौन से व्यक्ति को क्या दान देना चाहिए और किसे दान देने से बचना चाहिए।
आपको बता दें कि हिंदू शास्त्र के मुताबिक अगर आप धूर्त, बंदी, मूर्ख या फिर अयोग्य चिकित्सक को किसी भी प्रकार का दान देते हैं तो आपको इस दान से कोई धर्म या फिर पुण्य की प्राप्ति नहीं होती बल्कि आपका दान व्यर्थ चला जाता है।
अगर आप जुआरी, शठ, चाटुकार, चारण या फिर चोर प्रवृत्ति वाले व्यक्ति को दान देते हैं तो आपका दान व्यर्थ चला जाता है। आपको इससे किसी भी प्रकार के धर्म की प्राप्ति नहीं होती।
जो ग्रह जन्म कुंडली में उच्च राशि या अपनी स्वयं की राशि में स्थित हों, उनसे संबंधित वस्तुओं का दान व्यक्ति को कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिए। खासकर लाल या गुलाबी रंग के पदार्थों का दान नही करना चाहिए।
ज्योतिष के मुताबिक आपको गुड़, आटा, गेहूं, तांबा,दूध, चावल, चांदी, मोती एवं अन्य जलीय पदार्थों का दान कभी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप न केवल दान के पुण्य को प्राप्त करने से वंचित हो जाते हैं बल्कि आप अपने भाग्य को भी नाराज करते हैं।
मसूर की दाल, मिष्ठान्न अथवा अन्य किसी मीठे खाद्य पदार्थ का दान नहीं करना चाहिए। ऐसे करने से आपको अहित हो सकता है।
घर में आए किसी मेहमान को कभी सौंफ खाने में नहीं देना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आने वाले वक्त में वो व्यक्ति कभी किसी अवसर पर आपके खिलाफ ही कड़वे वचनों का प्रयोग करेगा।
हरे रंग के पदार्थ और वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए। ऐसे करने से आपकी लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती है।