
गरीबों की रक्षा करने वाले शनि देव शुभ व अशुभ दोनों फल देते है। शनि बलवान होने पर जातक को अच्छे फल देता है और शनि अशुभ व पीड़ित होने पर बुरे फल भी देता है। अब सवाल यह उठता है कि जिन लोगों की जन्मपत्रिका नहीं है तो उन्हें कैसे पता चले शनि शुभ फल दे रहा है या फिर अशुभ। आइये हम आपको बताते है कि कैसे पता करें शनि अशुभ फल दे रहा है ?
यदि आप मकान बनवा रहे है और उसमें बार-बार बाधायें आ रही है तो समझो कि शनि की अशुभता के कारण है।
विवाह होते ही यदि ससुराल पक्ष या स्वंय की आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगे तो समझो शनि आपके पक्ष में नहीं है।
शनि के विपरीत होने पर कमर दर्द शुरू हो जाता है और ऑखे भी कमजोर होने लगती है।
यदि विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन न लगे व नम्बर अच्छे न आये तो समझों कि शनि की वक्र दृष्टि पड़ रही है।
जब आपका मन बुराई की ओर, कुसंगति, नशे की ओर झुकने लगे व धन एंव शरीर की क्षति होने लगे तो समझों कि शनि के अशुभ फल के कारण सब हो रहा है।
जब कोई भी कार्य करने की इच्छा न हो, हमेशा आलस्य सताये, तनाव बना रहे, जब जवानी में ही बुढ़ापे के रोग होने लगे व जोड़ों के दर्द होने लगे तो समझों शनि के बुरे फल मिल रहे है।
आपके व्यवसाय में लगातार हानि हो रही है जिस कारण आपकी प्रगति बाधित है तो यह शनि अशुभ होने के लक्षण है।
जूते चप्पल का बार-बार टूटना, चोरी होना, जानवारों की मृत्यु होना, पार्टनर से सम्बन्ध विच्छेद होना, सिर के बाल झड़ना आदि का होना शनि के विपक्ष में होने की सूचना है।
शनि गरीबों का प्रतिनिध करता है और यदि किसी गरीब व्यक्ति के कारण आपको हानि हो रही है या लड़ाई-झगड़े व कोर्ट-कचहरी के चक्कर में आप फॅसे तो ये सब शनि की अशुभता का परिणाम है।
आपका अचानक ट्रांसफर हो जाये, नौकरी छूट जाये, घर में क्लेश बना रहे, मित्रों से बेवजह विवाद व सम्बन्ध विच्छेद हो जाये तो समझो शनि अशुभ फल दे रहा है।
कार्य स्थल पर चोरी का आरोप लगना, आपके विरूद्ध जॉच के आदेश होना, कोई दण्ड, सजा मिलना, दिन ब दिन ऋण व उधार बढ़ता जाये । ये सब शनि की अशुभता के संकेत है।
यदि आप लगातार बीमार रहने लगे, दुर्घटना में हड्डी का टूटना, चारों ओर से आपकी बुराई होने लगे। ये सब घटनाये होने लगे तो समझो शनि का कुप्रभाव है।