
बड़ा गुम्बद, दक्षिणी दिल्ली के लोदी गार्डन में स्थित है। लोदी गार्डन का पुराना नाम ओल्ड लेडी वैलिन्गटन पार्क है। लोदी गार्डन सैयद और सुल्तान लोदी के समय के स्मारक हैं। इस गार्डन में बड़ा गुम्बद समेत कई अन्य गुम्बद भी है।
बड़ा गुम्बद का इतिहास
लोदी गार्डन के मध्य में बना बड़ा गुम्बद मुहम्मद शाह के मकबरे से 300 मीटर पर स्थित है। इसके साथ तीन अन्य गुम्बद भी हैं। बड़ा गुम्बद अष्टभुजाकार मकबरे का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण माना जाता है। बड़ा गुम्बद की पिछली तरफ एक शीश महल है। इसमें जिसका शव दफन है, उसकी पहचान नहीं हो पाई है। परन्तु यह स्पष्ट है कि वह सिकंदर लोधी के शासन काल में कोई उच्च पदाधिकारी था।
बड़ा गुम्बद का महत्त्व
सिकंदर लोदी को भारत में लोदी वंश का जनक माना जाता है। मान्यता है कि बड़ा गुम्बद से ही लोदी अपनी सत्ता का नेतृत्व करता होगा। इस कारणवश बड़ा गुम्बद को इस्लाम धर्म का अहम धार्मिक स्थान माना जाता है।
अन्य आकर्षण केंद्र
शीश गुम्बद वास्तुकला की दृष्टि से इसमें दो मंजिला इमारत की आकृति झलकती है। इसके अंदर कई कब्र हैं। इनके बारे में इतिहास में जानकारी उपलब्ध नहीं है। मगर माना जाता है कि इन्हें भी सिकंदर लोधी के शासन काल में बनाया गया था।
अठपुला सिकंदर लोधी के मकबरे से थोड़ी दूर पूर्व में सात मेहराबों वाला एक पुल है जिसे नाले पर बनाया गया है। इसके ऊपर बीच के मेहराबों का फैलाव अधिक है। इस पुल में आठ खंभे हैं। इसे मुगल काल के दौरान बनाया गया था। इस पुल का निर्माण बादशाह अकबर के शासन काल (19956-1605) के दौरान नवाब बहादुर नामक व्यक्ति ने करवाया था।