Quantcast
Channel: Newstracklive.com | suvichar
Viewing all articles
Browse latest Browse all 13839

देवी सरस्वती को ज्ञान, साहित्य, कला और स्वर की देवी माना जाता हैदेवी सरस्वती को ज्ञान, साहित्य, कला और स्वर की देवी माना जाता है

$
0
0

हिन्दू धर्म में देवी सरस्वती को ज्ञान, साहित्य, कला और स्वर की देवी माना जाता है। इन्हें श्वेत रंग अतिप्रिय है। सरस्वती जी का वर्णन ब्रह्मा जी की मानस पुत्री के रूप में है लेकिन कई स्थानों पर इन्हें ब्रह्मा जी की पत्नी के रूप में भी दिखाया गया है। हर वर्ष की माघ शुक्ल पंचमी अर्थात वसंत पंचमी को देवी सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। 

देवी सरस्वती का स्वरूप 
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार देवी सरस्वती बहुत ही शांत स्वभाव की हैं। उनके चार हाथ है जिसमें से एक हाथ में माला और एक हाथ में वेदों को धारण किया हुआ है, जबकि दो अन्य हाथों से देवी ने वीणा पकड़ा हुआ है। इनके गले में श्वेत रंग की माला है तथा इनके वस्त्र भी श्वेत हैं। देवी सरस्वती का वाहन मोर हैं।

सरस्वती जी का परिवार 
सरस्वती पुराण के अनुसार सरस्वती जी का जन्म ब्रह्मा के मुख से हुआ था। देवी सरस्वती के अद्भुत रूप को देखकर ब्रह्मा जी ने उनसे विवाह कर लिया। ब्रह्मा जी और देवी सरस्वती का एक पुत्र भी है जिसे "स्वयंभु मनु" के नाम से जाना जाता है।

ब्रह्माजी और सरस्वती देवी का संबंध
हिन्दू धर्मानुसार ब्रह्मा जी द्वारा उत्पन्न किए जाने के कारण यूं तो देवी सरस्वती उनकी पुत्री हुई लेकिन भाग्यवश ब्रह्माजी को ही सरस्वती देवी का पति माना जाता है। माना जाता है कि अपनी ही पुत्री से विवाह करने और उस पर कुदृष्टि डालने के कारण ब्रह्माजी की पूजा अन्य देवों की तरह नहीं होती। कई जगह यह बात भी लिखी गई है कि सरस्वती जी ने ही ब्रह्माजी को वेदों का ज्ञान सिखाया था।

देवी सरस्वती का मंत्र
सरस्वती जी की पूजा के लिए अष्टाक्षर मूल मंत्र "श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा" परम श्रेष्ठतम और उपयोगी माना जाता है। साथ ही सरस्वती जी को प्रसन्न करने तथा विद्या प्राप्ति के लिए इस मंत्र का भी प्रयोग किया जाता है:  ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।

वसंत पंचमी को होती है सरस्वती पूजा
वसंत पंचमी के दिन विशेष रूप से सरस्वती पूजा करने का विधान है। इस दिन मुख्यतः देवी सरस्वती की पूजा ज्ञान, बुद्धि और कला की प्राप्ति के लिए किया जाता है। वसंत पंचमी के बारे में और अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें (वसंत पंचमी)

देवी सरस्वती से जुड़ी महत्त्वपूर्ण बातें 
सरस्वती जी का विवाह आपने पिता ब्रह्मा जी से हुआ था।
उनका वाहन मोर है।
देवी सरस्वती स्वर और विद्या की देवी हैं।
विष्णु जी के श्राप के कारण ही देवी सरस्वती, सरस्वती नदी बनी थी।
  
देवी सरस्वती के अन्य नाम 
शारदा
शतरूपा
वाणी
वाग्देवी
वागेश्वरी
भारती
कौशिकी

देवी सरस्वती के प्रमुख मंदिर
शारदा मंदिर (मैहर)
सरस्वती मंदिर (पुष्कर)
श्रृंगेरी मंदिर
सरस्वती मंदिर (कोट्टयम)
श्री ज्ञान सरस्वती मंदिर (निजामाबाद)


Viewing all articles
Browse latest Browse all 13839

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>