Quantcast
Channel: Newstracklive.com | suvichar
Viewing all articles
Browse latest Browse all 13839

भीम को अपनी शक्ति पर था बहुत घमंडभीम को अपनी शक्ति पर था बहुत घमंड

$
0
0

द्वापर युग की बात है। भीम को अपनी शक्ति पर बहुत घमंड था। वह यह समझता था कि मेरे बराबर धरती पर कोई योद्धा नहीं है। पांडव जब बदरिकाश्रम में रह रहे थे तब एक सुन्दर और महक वाला सहस्त्रदल कमल नदी के प्रवाह में बहता हुआ आया। 

पुष्प को देख कर द्रोपदी मोहित हो जाती है और महाबली भीम से ऐसे ही बहुत सारे सहस्त्रदल कमल लाने की बात कहती है। भीम द्रोपदी की बात सुन कर सहस्रदल कमल लाने के लिए जिस दिशा से पुष्प आया था, उस दिशा में चल देते हैं। 

चलते-चलते भीम गंधमादन पर्वत की चोटी पर पहुंच गए। वहां केले का घना वन मिला, जिसमें वे घुस गए। इसी वन में पवनपुत्र हनुमान वास करते थे। जब हनुमान जी को भीम के आने का पता लगा, तो उन्होंने यह सोचकर कि स्वर्ग मार्ग में आगे जाना भीम के लिए नुकसानदेह हो सकता है, इसलिए उन्होंने उसे रोकने के लिए बीच रास्ते में लेट गए। 

वहां पहुंचने पर भीमसेन ने देखा, एक वृद्ध बंदर राह के बीच में लेटा हुआ है। वहां पहुंचकर भीम ने मार्ग देने के लिए कहा तो वे बोले- यहां से आगे यह पर्वत मनुष्यों के लिए अगम्य है। इसलिए तुम वापस लौट जाओ। 

इस पर भीम ने कहा कि तुम रास्ते से अलग हट जाओ। ​भीम के अहंकार को देखकर हनुमान ने कहा कि मैं बीमार हूं जिसके कारण हिल नहीं सकता, यदि तुम जाना ही चाहते हो तो मुझे लांघ कर चले जाओ।

भीम ने कहा कि सभी प्राणियों में परमात्मा का निवास होता है, इसलिए मैं तुम्हें लांघकर उनका अपमान नहीं कर सकता। तब हनुमान बोले, तो तुम ऐसा करो कि मेरी पूंछ पकड़कर रास्ते से हटा दो और आगे के लिए निकल जाओ। 

भीम की पूंछ पकड़कर हटाने की कोशिश करता है पर वानरराज को जरा-सा भी हिला नहीं पाता। थक-हार कर भीम वानर से अपनी गलती के लिए क्षमा मांगता है और अपने सही रूप में आने की विनती करता है। 

तब हनुमानजी उसे अपने स्वरूप के दर्शन देते हैं और बताते हैं, मैंने इस मार्ग से जाने के लिए रोका है, इस मार्ग में आगे देवता रमते हैं और यह मार्ग मनुष्य के लिए उचित नहीं है। 

भीम के आग्रह पर बजरंगबली ने उन्हें अपना विशालतम रूप दिखाया, जिस रूप से उन्होंने त्रेता में समुद्र लांघा था। हनुमानजी ने यह भी वचन दिया कि युद्ध में अर्जुन के रथ में ध्वजा पर बैठा हुआ ऐसी भीषण गर्जना करुंगा कि युद्ध में तुम्हारी विजय होगी। इस तरह हनुमानजी ने भीम के घमंड को चूर किया।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 13839

Trending Articles