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इस मंदिर के खम्भे को देखकर आप भी हो जायेंगे चकितइस मंदिर के खम्भे को देखकर आप भी हो जायेंगे चकित

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दुनिया में बहुत ही रोचक जगह हैं। ऐसी ही रोचक जगहों में से एक है आंध्रप्रदेश के अनंतपुर में स्थित 'लेपाक्षी मंदिर'। अनंतपुर एक छोटा गांव है। यह गांव विजयनगर शैली से निर्मित कलात्मक मंदिरों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

हैंगिंग पिलर टेम्पल

लेपाक्षी मंदिर को 'हैंगिंग पिलर टेम्पल' के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर कुल 70 खम्भों पर खड़ा है जिसमे से एक खम्भा जमीन को छूता नहीं है बल्कि हवा में ही लटका हुआ है। इस एक झूलते हुए खम्भे के कारण इसे 'हैंगिंग टेम्पल' कहा जाता है।

यह खंभा भी पहले जमीन से जुड़ा हुआ था। लेकिन एक ब्रिटिश इंजीनियर ने मंदिर में यह खंभे कैसे टिके हुए हैं यह जानने के लिए एक खंभा को हिलाया, तभी से यह खंभा झूलता रहता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है की इसके नीचे से कपड़ा निकलने से सुख-समृद्धि में बृद्धि होती है।

यहीं गिरे थे घायल होकर जटायु

विशाल परिसर में बने यह मंदिर भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान वीरभद्र को समर्पित हैं। यहां तीन मंदिर हैं। हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार है त्रेतायुग में जब रावण, श्रीराम की पत्नी का हरण कर ले जा रहा था तब जटायु ने रावण से यहीं युद्ध किया था। युद्ध के दौरान वह घायल होकर यहीं गिरे थे।

इस मंदिर का निर्माण 1583 में दो भाइयों विरुपन्ना और वीरन्ना ने कराया था जो की विजयनगर राजा के यहां काम करते थे। हालांकि पौराणिक मत कुछ और ही है उसके अनुसार लेपाक्षी मंदिर परिसर में स्थित विभद्र मंदिर का निर्माण ऋषि अगस्त्य ने करवाया था।

नंदी की सबसे विशाल प्रतिमा

लेपाक्षी मंदिर कुछ ही दूरी पर एक ही पत्थर से बनी विशाल नंदी प्रतिमा है। यह प्रतिमा 27 फीट लंबी 15 फीट ऊंची है। यहां विभद्र मंदिर परिसर में एक ही पत्थर से बनी विशाल नागलिंग प्रतिमा भी स्थापित है, काले ग्रेनाइट से बनी प्रतिमा में एक शिवलिंग के ऊपर सात फन वाला नाग फन फैलाए बैठा है।


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