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ईसाई धर्म के महत्वपूर्ण पदईसाई धर्म के महत्वपूर्ण पद

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दुनिया के सभी मुख्य धर्मों की तरह ईसाई धर्म भी एक ईश्वर की भावना पर विश्वास करता है। उनके अनुसार ईश्वर एक हैं और हमारी सेवा और मार्गदर्शन के लिए वह अपने पुत्रों को हमारे बीच भेजता है जैसे यीशु मसीह और अन्य पवित्र आत्माएं। ईसाई धर्म दुनिया भर में फैला है। इस धर्म को जानने के लिए इनके कुछ शब्दों को जानना बेहद आवश्यक है जो निम्न है 

ईसाई धर्म के मुख्य पद इस प्रकार हैं

* अब्बा: यीशु द्वारा भगवान को अब्बा नाम से पुकारा करते थे। “अब्बा” शब्द का प्रयोग आज भी ईसाई धर्म में ईश्वर के लिए किया जाता है।

* एटोन्मेंट: ईशा मसीह के जीवन के माध्यम से ईश्वर ने मनुष्य को जीने की राह दिखाई है। ईशा मसीह के जीवन से प्रेरित व्यवहारिक शिक्षाओं को ही ऐटोंमेंट का नाम दिया गया है।

* ऑगस्टाइन: ऑगस्टाइन ईसाई धर्म के एक प्रमुख पादरी और धर्मशास्त्री (354-430) माने जाते हैं।

* मसीह: मसीह इब्रानी शब्द येशूआ का विकृत रूप है। इस शब्द का अर्थ है मुक्तिदाता। इसे हिन्दी के मसीहा शब्द से भी जोड़कर देखा जाता है।

* क्राइस्टॉलजी: क्राइस्टॉलजी प्रभु यीशु मसीह के जीवन, उनके व्यक्तित्व, उनके जीवन की शिक्षाएं और अन्य चीजों के अध्ययन को कहा जाता है।

* गिरजाघर: गिरजाघर या चर्च ईसाई धर्म के मुख्य धार्मिक स्थलों को कहा जाता है। यहां ईसाई लोग मिलकर प्रार्थना करते हैं।

* परलोक सिद्धांत: ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दुनिया का अंत अवश्य होगा। वह दिन प्रलय का दिन कहलाएगा। इसी सिद्धांत को परलोक सिद्धांत कहा जाता है।

* अवतार: ईसाई धर्म भी हिन्दू धर्म की तरह भगवान के अवतार पर विश्वास करता है।

* ओल्ड टैस्टमैंट: ओल्ड टैस्टमेंट ईसाई धर्म की पवित्र पुस्तक बाइबिल का प्रथम खंड है।

* नीतिकथा: भगवान यीशु द्वारा कही गई कहानियों को नीतिकथा कहा जाता है।

*रोमन कैथोलिक चर्च : रोम में स्थित प्राचीन चर्चों को रोमन कैथोलिक चर्च के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह पोप (ईसाई गुरु) के नेतृत्व में चलते हैं।


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