
कहा जाता है की इस दुनिया में ऐसा कोई भी इंसान नहीं है जिसके साथ समस्या नहीं है पर क्या फिर भी हम उन समस्याओ के बीच खुशियाँ ढूंढ़ पाते है,हां कुछ तरीके होते है जिनके द्वारा हम किसी भी परिस्थति में खुश रह सकते है।
सच्ची इच्छाओं का सम्मान करें : यह बात व्यावहारिक नहीं है कि अपनी इच्छाओं को कम करके खुश रहना सीखें। हां, आप अपनी ढेर सारी इच्छाओं में से चयन करें कि प्राथमिक कौन-सी है और अनावश्यक कौन-सी। जीवन में इच्छाओं का त्याग नहीं करना बल्कि यह समझने की जरूरत है कि हमारी इच्छाएं कितनी महत्वपूर्ण है।
धन का सम्मान करें : बहुत से लोग कहते हैं कि धन से खुशी नहीं खरीदी जा सकती, लेकिन यह भी सच है कि धन के बगैर आम व्यक्ति खुश रह भी नहीं सकता। धन की अहमियत हमारे जीवन में बहुत ज्यादा है। धन का दुरूपयोग भी किया जाता है।
क्या हम सिर्फ अपनी इच्छाओं के लिए ही जी रहे हैं या कि हमें हमारे परिवार की इच्छाओं की पूर्ति या जरूरतों का भी ध्यान है? कहीं आप स्वार्थी तो नहीं। बहुत से लोगों को देखा है वे बाहर मजे करते रहते हैं और उनके घर में उनकी मां, पत्नी, बेटी या बेटा भूखे बैठे रहते हैं।
मित्रता के संग : दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो जीवन में हमें सबसे अधिक खुशी देता है। दोस्तों का साथ पाते ही लोग अपने दुखों को भूलकर खुशियों की तलाश करने लगते हैं। दोस्तों के साथ मस्ती के दौरान हम सारे दुखों को भूल जाते हैं। दोस्त कैसा भी हो वह हमें खुशी ही प्रदान करता है। कभी अपने अच्छे मित्रों को उनकी पत्नियों के साथ रविवार के दिन भोजन के लिए आमंत्रित करेंगे। इससे आपके और उनके जीवन में खुशियों का अवसर मिलेगा। ऐसी ही कभी कभी आप अपने मित्रों के यहां भी जाया करें।
स्वच्छता और सुंदरता : आपके शरीर, कपड़े, घर और आसपास स्वच्छता और सुंदरता होना जरूरी है।स्वच्छता और सुंदरता का संबंध आपकी खुशी से होता है। जो लोग दिखने में सुंदर नहीं है वे खुद को हीन भावना से ग्रसित कर लेते हैं, जबकि ऐसा सोचने की बजाय यह सोचता चाहिए की मैं दूसरों से कितना अधिक स्वच्छ रह सकता हूं। जो लोग खुद को सुंदर नहीं मानते उनको अधिक तवज्जों नहीं मिलती। लोग उनकी ओर ध्यान नहीं देते। लेकिन हमेशा इस हीनता से ग्रसित होने के बाजाय यह सोचना चाहिए कि यह एक प्राकृतिक नियम है और मुझे इसके लिए दुखी नहीं रहना चाहिए, अन्यथा में जो जीवन मिला है उसे दुख में ही गंवा दूंगा। कहते हैं कि जो लोग सुंदर नहीं दिखते उनको स्वच्छता, सुगंध और अपने कपड़ों पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन जो सुंदर लोग हैं वे भी इस पर ध्यान देंगे तो उनके लिए तो सोने पर सुहागा वाली बात होगी।
पारिवारिक बनें : एक शोध में यह बात सामने आई कि लगभग 90 प्रतिशत लोग अपने पारिवार के अच्छे और बुरे व्यव्हार के कारण सुखी या दुखी रहते हैं। अगर परिवार के लोग पहले से ही पारिवारिक या सामाजिक हैं, तो वे अधिक सुखी रहते हैं और उनकी अगली पीढ़ी भी सामाजिक हो जाती है। हमारी भावनाएं और इच्छाए काफी हद तक आनुवांशिकी पर भी निर्भर करती हैं। परिवार के प्रत्येक सदस्य के प्रति प्रेमपूर्ण व्यवहार करें। यदि आप परिवार में सबसे बड़े हैं तो यह जरूरी है कि आप हमेशा मित्रवत और प्रेमपूर्ण रहे और साथ ही सभी सदस्यों से संवाद स्थापित करके रखें। इसके लिए सबसे जरूरी है परिवार के बीच अधिक से अधिक समय व्यतीत करना।
निष्ठा : निष्ठावान बनें। निष्ठा यानी विश्वास। यह एक ऐसी भावना है, जो हमें खुशियां प्रदान करती है। यह एक सकारात्मक भावना है। सच्ची खुशी पाने के लिए सकारात्मक सोच होना बहुत जरूरी है और यह सोच हमें निष्ठा और विश्वास के साथ मिलती है।
जो लोग अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र के प्रति शक करते हैं या जिन लोगों को किसी पर भी विश्वास हैं वे सदा दुखी रहते हैं, क्योंकि विश्वास की भावना रखने वालों के प्रति दूसरे लोग भी अविश्वास ही करते हैं। आपकी आंखों में झलका है विश्वास और अविश्वास।