Quantcast
Channel: Newstracklive.com | suvichar
Viewing all articles
Browse latest Browse all 13839

यदि आप भी हैं किसी बात से दुखी तो पढिये ये कहानीयदि आप भी हैं किसी बात से दुखी तो पढिये ये कहानी

$
0
0
बोधिसत्व (बुद्धत्व पाने के लिए बोधिसत्व को 10 अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है. उस व्यक्ति को बोधिसत्व कहा जाता है. बोधिसत्व किसी व्यक्ति का नाम भी हो सकता है) का जन्म वाराणसी के बंजारों के यहां हुआ था. उस समय बंजारे जरूरत में आने वाली  वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने और साथ ही सामान बेचने का काम करते थे. एक दिन युवा बोधिसत्व को 500 बैल गाडिय़ों में सामान भरकर बेचने के लिए दूसरे शहर भेजा गया. तब उन्होंने अपने सभी साथियों को समझाते हुए कहा कि, यदि आप कोई भी ऐसी वस्तु देखो जो पहले न खाई हो, तो मुझसे पूछे बगैर मत खाना क्योंकि ऐसी वस्तुओं में लुटेरे विष भर देते हैं जिनको खाने से मृत्यु भी हो सकती है. यह बात कहने के बाद कारवां चल पड़ा. वे सभी वन मार्ग से जा रहे थे. वहां गुंबिया नाम का एक यक्ष रहता था. जो मार्ग में इस तरह के भोज्य पदार्थों को सजा कर रखता था. जिसे खाने के बाद लोग बेहोश हो जाते थे और ज्यादा समय तक उपचार न मिले तो वे मर भी सकते थे. इतना समझाने के बाद बोधिसत्व के साथ चलने वाले कुछ साथियों ने असंयम के कारण उन फलों को खा लिया और वे बेहोश हो गए. जब काफी देर बाद वे दिखाई न दिए तो उनकी खोज की गई जहां वे अचेत पाए गए. बोधिसत्व ने उन्हें वमन (उल्टी) करवाया तब वे जीवित बच सके. इस तरह उन्हें नया जीवन मिला.  जीवन एक यात्रा है. यहां कई तरह के विषय भोग हैं, जिनमें तीक्ष्ण विष होता है. बुद्धिमान व्यक्ति महापुरुषों के अनुभवों से लाभ उठाते हैं और स्वयं पर नियंत्रण रखते हुए शांतिपूर्ण तरीके से जीवन यापन करते हैं. जो व्यक्ति यह आत्मसंयम छोड़ देता है वह इस संसार में दुख भोगता है.

Viewing all articles
Browse latest Browse all 13839

Trending Articles